Monday, December 23, 2024
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पहले से ही बनाई हुई थी लोगों ने पत्थरबाजी और हमले की योजना: मुरादाबाद हमले में घायल डॉक्टर का बयान

जाँच दल के साथ पत्थरबाजी की घटना में चोटिल डॉ. एससी अग्रवाल ने कहा, "हम मुरादाबाद के नवाबपुरा में एक COVID-19 पॉजिटिव मरीज के 4 परिवार वालों को लेने गए थे। जैसे ही हमने उन्हें एम्बुलेंस में बिठाया, कुछ लोगों ने हमें घेर लिया और विवाद शुरू हो गया। लोगों ने हम पर हमला कर दिया।"

पूरे देशभर में डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों के साथ की जा रहीं थूकने से लेकर तमाम बदसलूकियों की घटनाओं के बीच आज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में डॉक्टर्स पर पत्थरबाजी की घटना सामने आई है जिसमें डॉक्टर्स बुरी तरह से जख्मी हो गए। घायल डॉक्टर ने उपचार के दौरान अपने दल पर हुई इस घटना के बारे में बताया है।

जाँच दल के साथ पत्थरबाजी की घटना में चोटिल डॉ. एससी अग्रवाल ने कहा, “हम मुरादाबाद के नवाबपुरा में एक COVID-19 पॉजिटिव मरीज के 4 परिवार वालों को लेने गए थे। जैसे ही हमने उन्हें एम्बुलेंस में बिठाया, कुछ लोगों ने हमें घेर लिया और विवाद शुरू हो गया। लोगों ने हम पर हमला कर दिया।”

इस घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें महिलाओं और पत्थरबाजों को पत्थर फेंकते हुए देखा जा सकता है। महिलाएँ भी बड़ी संख्या में छतों से ईंट पत्थर चला रहीं थी। डॉक्टर ने बताया कि वहाँ मौजूद एक बुजुर्ग ने आगे आकर उनकी जान बचाई और उसके कुछ देर बाद वहाँ पुलिस भी आ गई थी।

इस घटना से सोशल मीडिया पर भी आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ रासुका (NSA) लगाने और नुकसान की भरपाई आरोपितों की संपत्ति से करने का आदेश जारी कर दिया है।

जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान करते हुए दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें एक दर्जन महिलाएँ भी शामिल हैं। महिलाओं ने भी छतों से ईंट पत्थर बरसाए थे। जिसकी पुष्टि ड्रोन कैमरे से भी हो रही है।

डॉक्टर के साथ मौजूद मेडिकल स्टाफ ने बताया कि लोगों ने वहाँ जाँच दल को पीटने की पहले से ही तैयारी कर रखी थी। पत्थरबाजी की इस घटना में पुलिस की गाड़ी और एम्बुलेंस आदि को भारी नुकसान पहुँचा है।

उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद में नागफनी इलाके के नवाबपुरा स्थित हाजी नेब वाली मस्जिद के पास सरताज अली रहते थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई थी। उनके करीबियों को क्वारंटाइन करने के लिए ही बुधवार (अप्रैल 15, 2020) दोपहर डॉक्टर एससी अग्रवाल के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम हाजी नेब वाली मस्जिद पहुँचे थे। उसी समय उनके दल को हमले का शिकार बनाया गया। फ़िलहाल पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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