Sunday, November 17, 2024
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CM योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को जल संरक्षण के क्षेत्र में मिला प्रथम पुरस्कार, राजस्थान से भी पिछड़ा केरल

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "कृषि, उद्योग और अन्य घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लगातार जल का दोहन हो रहा है। पानी की उपलब्धता लगातार घटी है, लेकिन उपयोग बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2050 तक जल की माँग 1,100 बिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़कर 1,447 बिलियन क्यूबिक मीटर तक हो सकती है।"

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने 7 जनवरी (शुक्रवार) को तीसरे ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2020’ की घोषणा की। इसमें सबसे ज्यादा अवार्ड उत्तर प्रदेश को मिले हैं। UP को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी’ में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राजस्थान दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस उपलब्धि के लिए UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को बधाई दी है।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा, “कृषि, उद्योग और अन्य घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लगातार जल का दोहन हो रहा है। पानी की उपलब्धता लगातार घटी है, लेकिन उपयोग बढ़ता जा रहा है। बरसात के भी रूप बदल रहे हैं। वर्ष 2050 तक जल की माँग में बेहद बढ़ोतरी होने वाली है और ये वर्तमान के लगभग 1,100 बिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़कर 1,447 बिलियन क्यूबिक मीटर तक हो सकती है। अतः मिलकर प्रयास करना बेहद जरूरी है।”

उत्तरी जोन का सबसे बेहतर जिला उत्तर प्रदेश का मुज़फ्फरनगर रहा। पंजाब का शहीद भगत सिंह नगर दूसरे स्थान पर रहा। दक्षिण ज़ोन में केरल का तिरुवनंतपुरम पहले और आंध्र प्रदेश का कडप्पा दूसरे नंबर पर रहा। पूर्व ज़ोन में बिहार का पूर्वी चंपारण प्रथम और झारखंड का गोड्डा द्वितीय स्थान पर रहे। मध्य प्रदेश का इंदौर पश्चिम ज़ोन में पहले और गुजरात का वड़ोदरा राजस्थान के बाँसवाड़ा के साथ दूसरे नंबर पर रहा। असम के गोलपरा और अरुणाचल प्रदेश के सियांग को उत्तर-पूर्व ज़ोन में सम्मानित किया गया। सबसे बेहतर गाँवों की श्रेणी में उत्तराखंड के धंसपल गाँव को शामिल किया गया। बिहार के तिलारी, गुजरात के तख़्तगढ़, मिजोरम के सिल्चर सरचिप और वाराणसी के बलुआ गाँव को भी नामित किया गया। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को जल संरक्षण लिए इस बार भी पुरस्कृत किया गया।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों में जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में सक्रियता से कार्यरत व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है। पुरस्कारों की कुल 11 श्रेणियाँ हैं। हर श्रेणी को मिलाकर कुल 57 पुरस्कार दिए जाते हैं। पहला जल अवॉर्ड साल 2018 में दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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