Sunday, November 17, 2024
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हल्द्वानी हिंसा में पार्षद समेत 2 कॉन्ग्रेस नेता भी वॉन्टेड, सरगना अब्दुल मलिक और बेटे की संपत्ति कुर्क: CM धामी बोले- आग से खेल रहे हैं दंगाई, उनकी पीढ़ियाँ याद रखेंगी

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम भीड़ द्वारा की गई पत्थरबाजी, हिंसा और आगजनी को लेकर पुलिस अब एक्शन मोड में है। इस हिंसा के सरगना अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद सहित 9 आरोपितों को वॉन्टेड घोषित करते हुए शहर भर में उनके पोस्टर लगाए गए हैं। प्रशासन ने दोनों बाप-बेटे की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की है। वॉन्टेड की सूची में कॉन्ग्रेस के दो नेता भी शामिल हैं।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम भीड़ द्वारा की गई पत्थरबाजी, हिंसा और आगजनी को लेकर पुलिस अब एक्शन मोड में है। इस हिंसा के सरगना अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद सहित 9 आरोपितों को वॉन्टेड घोषित करते हुए शहर भर में उनके पोस्टर लगाए गए हैं। प्रशासन ने दोनों बाप-बेटे की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की है। वॉन्टेड की सूची में कॉन्ग्रेस के दो नेता भी शामिल हैं।

दरअसल, नैनीताल पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपित अब्दुल मलिक और उसके बेटे समेत 9 आरोपितों के पोस्टर लगवाए हैं। इसमें कहा गया है कि आरोपितों के कहीं भी दिखने पर पुलिस को सूचित की जाए। इसमें पुलिस के नंबर भी हैं। पुलिस को मलिक के अलावा तस्लीम, वसीम उर्फ़ हप्पा, अयाज अहमद, रईस, अब्दुल मोईद, शकील अंसारी, मौकिन सैफी और जिया उल रहमान की तलाश है।

ये सभी आरोपित फरार हैं और पुलिस को इनकी सरगर्मी से तलाश है। पुलिस ने कहा है कि जो भी इन आरोपितों की सूचना देगा, उनका नाम गुप्त रखा जाएगा। शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को शहर में लगाए गए पोस्टर में कॉन्ग्रेस के दो नेता भी हैं। इनमें से एक यूथ कॉन्ग्रेस का विधानसभा अध्यक्ष मौकिन सैफी और निवर्तमान पार्षद शकील अंसारी का भी नाम शामिल है।

हल्द्वानी हिंसा में पुलिस द्वारा लगाए गए वॉन्टेड की पोस्टर (साभार: न्यूज 18)

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 फरवरी 2024 को हिंसा में वांछित अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। वहीं, अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के बनभूलपुरा स्थित घर की कुर्की की गई। कुर्की के दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद रही। यह कुर्की हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए की जा रही है।

बताते चलें कि कोर्ट ने 14 फरवरी को इन सभी आरोपितों के खिलाफ कुर्की के आदेश दिए थे। कुर्की के लिए नगर निगम ने अब्दुल मलिक के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया था। वहीं, कुर्की के दौरान मौके पर हल्द्वानी के एसपी सिटी हरबंस सिंह, सीओ लालकुआं संगीता, हल्द्वानी के तहसीलदार सचिन कुमार, प्रभारी निरीक्षक डीआर वर्मा, नंदन सिंह रावत, थानाध्यक्ष कालाढूंगी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

हल्द्वानी हिंसा को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को दंगाइयों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में अशांति फैलाने वालों पर ऐसी कार्रवाई होगी कि उनकी पीढ़ियाँ याद रखेंगी। उन्होंने हिंसा में घायल लोगों से अस्पताल जाकर मुलाकात भी की।

उन्होंने कहा, “हम देवभूमि में किसी प्रकार की भी हिंसा किसी कीमत पर हम सहन करने वाले नहीं हैं। हम दंगाइयों को नहीं बख्शेंगे। कुछ दिनों में वो खुद ही समझ जाएँगे कि उन्होंने आग से खेलने की कोशिश की है, जो उनको बहुत भारी पड़ेगी।” सीएम धामी न साफ किया कि हल्द्वानी में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को रोका नहीं जाएगा।

हल्द्वानी दंगा के मामले में पुलिस अब तक 42 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। नैनीताल पुलिस ने बताया है कि उसने बृहस्पतिवार (15 फरवरी 2024) को पाँच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम हैं- मोहम्मद इस्तकार उर्फ जब्बा, शरीफ उर्फ पाचा, आदी खान, मोहम्मद आसिफ और हुकुम रजा। इनमें से अधिकांश बनभूलपुरा के ही निवासी हैं।

गौरतलब है कि 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और नगर निगम की टीम पर कट्टरपंथी मुस्लिमों की दंगाई भीड़ ने हमला कर दिया था। इस दंगे में 6 लोगों की जान चली गई थी। दंगाइयों ने पुलिस को घेर कर उन पर हमला कर दिया था। इस हमले में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

घटना के दौरान दंगाइयों ने बनभूलपुरा में जमकर उत्पात मचाया था। उन्होंने कई गाड़ियों को आग लगा दी थी। इतना ही नहीं, मुस्लिम दंगाइयों ने हिंदू पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों को भी निशाना बनाया था। ऑपइंडिया ने इस मामले में ग्राउंड से दंगे की भयावहता बताई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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