उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ स्थित सुमना में ग्लेशियर टूट गया है। इसके बाद से सेना की सूर्य कमांड बचाव अभियान चला रही है। सेंट्रल कमांड ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि यहाँ अब तक 8 लोगों के शव मिल चुके हैं। 384 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिसमें से 6 की हालत गंभीर है। फिलहाल सेना का बचाव कार्य लगातार जारी है।
#SumnaUpdate
— SuryaCommand_IA (@suryacommand) April 24, 2021
384 BRO persons moved to safety. Eight snow trapped bodies recovered from the two BRO Camps. Six critically injured being evacuated. Air sorties are being attempted to assist medical evacuation. Rescue operations by Army continue unabated.@adgpi @ProDefLko
सूर्य कमांड की ओर से जानकारी दी गई है कि हिमस्खलन की चपेट में बीआरओ का एक कैंप भी आ गया है। रेस्क्यू किए गए लोग सुमना में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के कैंप में थे। ग्लेशियर के टूटने के बाद रात में ही सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था, लेकिन खराब मौसम के चलते इसे दोबारा से सुबह 1:30 बजे से शुरू किया गया।
In other rescue operations undertaken till 1.30 AM, 90 more BRO personnel have been rescued. 291 persons brought to safety so far. Rescue operations temporarily halted at night due to weather conditions. Search for other stranded BRO persons will resume in the morning.@adgpi
— SuryaCommand_IA (@suryacommand) April 24, 2021
हादसे के वक्त चल रहा था सड़क निर्माण का कार्य
सीमा सड़क संगठन के कर्नल मनीष कपिल ने जानकारी दी है कि सुमना में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था। उन्होंने ग्लेशियर के टूटने को बर्फबारी का कारण माना है। जोशीमठ-मलारी हाईवे ग्लेशियर के मलबे के नीचे दब गया है।
रिपोर्ट के मुतबिक, चमोली में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सुमना-2 के पास हो रही लगातार बर्फबारी के कारण ग्लेशियर टूटने से यह हादसा हुआ है। फिलहाल भापकुंड से सुमना तक के रास्ते की सफाई की जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस प्राकृतिक आपदा पर कहा है कि इस संबंध में मैने जिला प्रशासन को अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि वो लगातार बीआरओ और जिला प्रशासन के संपर्क में हैं। साथ ही दसरी परियोजनाओं को भी रोकने के आदेश दिए गए हैं।
नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है। इस संबंध में मैंने एलर्ट जारी कर दिया है। मैं निरंतर जिला प्रशासन और बीआरओ के सम्पर्क में हूँ।
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) April 23, 2021
जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं। एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये।
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) April 23, 2021
इससे पहले 7 फरवरी 2021 को भी चमोली में ग्लेशियर टूटने की जगह से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई थी। उस दौरान 54 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग लापता हो गए थे।