Monday, December 23, 2024
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Video: डर, सिहरन, अफरातफरी… उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने का खौफनाक मंजर

बताया जा रहा है कि जब यह हादसा हुआ, तब ऋषिगंगा और धौलीगंगा के पावर प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही का मंजर दिख रहा है। अलकनंदा और धौलीगंगा उफान पर हैं। पानी के तेज बहाव के मद्देनजर कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है। पानी के बहाव में कई घरों के बहने की आशंका है। इसके कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जो काफी खौफनाक हैं।

आसपास के इलाके खाली कराए जा रहे हैं। लोगों से सुरक्षित इलाकों में पहुँचने की अपील की जा रही है। चमोली पुलिस ने अलकनंदा नदी के किनारे रहने वालों को सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन नदी किनारे बसे लोगों के घर खाली कराने में जुट गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के कई जिलों को अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने के आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें। सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।

बताया जा रहा है कि जब यह हादसा हुआ, तब ऋषिगंगा और धौलीगंगा के पावर प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। वे मौके के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट माँगी है।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार (फरवरी 7, 2021) सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गाँव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा।

नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।

आईटीबीपी के अनुसार, “रेणी गाँव के नजदीक धौलीगंगा में भयानक बाढ़ देखी गई है जहाँ बादल फटने या जलाशय के टूटने के चलते जल निकायों में बाढ़ आ गई है और नदी किनारे स्थित कई घर तबाह हो गए हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। आईटीबीपी के सैकड़ों जवान रेस्क्यू के लिए रवाना हो गए हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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