Sunday, November 17, 2024
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मोहम्मद अजहर ने 15 साल की हिंदू लड़की का रेप किया, मार डाला… जज ने दिया था मृत्युदंड: अब उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पलटा फैसला, आरोपों से कर दिया बरी

खंडपीठ ने कहा, खंडपीठ ने कहा, "यह बयान अत्यधिक संदिग्ध है। यदि उसने (आरोपित ने) बलात्कार और हत्या की होती तो वह शव को वहीं छोड़ देता। विशेष रूप से उसे लगी चोटों को ध्यान में रखते हुए यह संदिग्ध लगता है कि वह शव को मोटरसाइकिल पर लाकर उसे पेड़ पर लटका दे।" कोर्ट ने यह भी कहा कि मृतका के कपड़ों पर वीर्य के अंश नहीं मिले हैं। इसलिए मामला संदिग्ध है।

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक नाबालिग हिंदू लड़की की रेप के बाद हत्या के मामले में मृत्युदंड पाए मोहम्मद अजहर खान की सजा पर रोक लगाते हुए आरोपों से बरी कर दिया। साथ ही आरोपित को जेल से तुरंत रिहा करने का आदेश दिया। ट्रायल कोर्ट ने मोहम्मद अजहर की मौत की सजा दी थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले में कई खामियाँ बताईं और कहा कि आरोपित की भूमिका ‘संदिग्ध’ थी।

उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने कहा कि आरोपित के चोटों को देखते हुए असंभव लगता है कि वह मोटरसाइकिल चलाकर मृतका को घटनास्थल पर ले गया हो, बलात्कार किया हो और फिर उसकी हत्या करने के बाद शव को वापस लाकर पेड़ से लटका दिया हो।

इसको देखते हुए हाई कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के पूरे बयान को संदिग्ध माना। इसके बाद देहरादून के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश / एफटीसी / विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) द्वारा पारित निर्णय और आदेश को खारिज कर दिया। इसमें आरोपित को दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने यह फैसला 11 जून 2024 को दिया है।

दरअसल, 1 जनवरी 2016 को 15 साल की नाबालिग मृतका लापता हो गई थी। अगले दिन देहरादून के त्यूणी में सेता बेंड के पास एक पेड़ पर उसका लटका हुआ शव बरामद हुआ था। मृतका के भाई ने दावा किया था कि उसने अपनी बहन को आखिरी बार आरोपित मोहम्मद अजहर और उसके एक किशोर साथी के साथ देखा था।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सके बाद मोहम्मद अजहर खान को पुलिस ने 5 जनवरी 2024 को गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन पक्ष का कहना था कि नाबालिग से बलात्कार करने के बाद आरोपित ने उसकी हत्या कर दी और इसे आत्महत्या का मामला दिखाने के लिए उसके शव को पेड़ से लटका दिया था।

सुनवाई के दौरान उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा कि यह बात संदिग्ध है कि रेप-मर्डर करने वाला व्यक्ति शव को ऐसी जगह लटकाएगा, जहाँ से सभी उसे देख सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि मृतका के भाई ने ट्रायल कोर्ट में कहा था कि पिछली दुर्घटना के कारण आरोपित चारपहिया वाहन नहीं चला सकता था। इस तरह उसके मोटरसाइकिल चलाने पर भी संदेह है। इस पर शव को लाने का दावा किया गया है।

खंडपीठ ने कहा, खंडपीठ ने कहा, “यह बयान अत्यधिक संदिग्ध है। यदि उसने (आरोपित ने) बलात्कार और हत्या की होती तो वह शव को वहीं छोड़ देता। विशेष रूप से उसे लगी चोटों को ध्यान में रखते हुए यह संदिग्ध लगता है कि वह शव को मोटरसाइकिल पर लाकर उसे पेड़ पर लटका दे।” कोर्ट ने यह भी कहा कि मृतका के कपड़ों पर वीर्य के अंश नहीं मिले हैं। इसलिए मामला संदिग्ध है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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