Monday, December 23, 2024
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मुस्लिम बलात्कारी को सज़ा दिलाने के लिए उतरे जो लोग, उन पर गुजरात पुलिस ने बरसाई लाठियाँ: FIR दर्ज कर 30 को गिरफ्तार किया, कहा – माहौल खराब किया

पुलिस ने अपनी FIR में बताया है कि नामजद आरोपितों ने रैली निकालने की कोई आधिकारिक परमिशन नहीं ली थी। इस रैली में कई लोग आरोपितों को खुद के हवाले करने की माँग उठा रहे थे। बकौल शिकायतकर्ता ऐसी नारेबाजी से समाज का माहौल खराब हुआ और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने की आशंका हो गई थी।

गुजरात के वलसाड जिले में मंगलवर (27 अगस्त, 2024) को एक मुस्लिम युवक द्वारा 3 साल की हिन्दू बच्ची से रेप का मामला सामने आया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। तब गुस्साए लोगों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया था और आरोपित को कड़ी सजा देने की माँग उठाई थी। घटना के अगले दिन रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस रैली पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। अब पुलिस प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज कर के लगभग 30 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मिल रही जानकारी के मुताबिक उमरगाम पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर अलग-अलग FIR दर्ज की है। इन FIR में महिलाएँ भी नामजद हैं। पहली FIR कुल 30 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। आरोपितों में 18 पुरुष और 12 महिलाएँ शामिल हैं। यह FIR वलसाड सिटी थाने में दर्ज हुई है। शिकायतकर्ता इसी थाने में तैनात एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर हैं। आरोपितों पर तमाम धाराओं के साथ सार्वजनिक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपितों ने एक अवैध भी जुटा कर पुलिस स्टेशन पर हमला किया। इस हमले से सरकारी काम में बाधा आई। भीड़ में मौजूद लोगों पर सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने और भड़काऊ नारे लगाने के भी आरोप हैं। बताते चलें कि मंगलवार को जुटी यह भीड़ आरोपित को फाँसी की सजा देने की माँग कर रही थी। फिलहाल इस मामले में पुलिस जाँच व अन्य जरूरी कार्रवाई कर रही है।

रैली को शहर का माहौल खराब करने की साजिश बताया

दूसरी FIR में कुल 13 लोग आरोपित किए गए हैं। इसमें 11 महिलाएँ व 2 पुरुष शामिल हैं। यह FIR उमरगाम पुलिस स्टेशन के पीआई शैलेश चौधरी की शिकायत पर दर्ज। हुई है। इन सभी आरोपितों पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। बताते चलें कि मंगलवार को हुई घटना के अगले दिन बुधवार को उमरगाम में रैली निकाली गई थी। इस रैली में रेप के आरोपित को कड़ी सजा दिलाने व बेटियों की सुरक्षा की माँग उठाई गई थी। हालाँकि पुलिस ने इसे लॉ एन्ड ऑर्डर खराब करने की साजिश माना और FIR दर्ज कर ली है।

पुलिस ने अपनी FIR में बताया है कि नामजद आरोपितों ने रैली निकालने की कोई आधिकारिक परमिशन नहीं ली थी। इस रैली में कई लोग आरोपितों को खुद के हवाले करने की माँग उठा रहे थे। बकौल शिकायतकर्ता ऐसी नारेबाजी से समाज का माहौल खराब हुआ और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने की आशंका हो गई थी। उमरगाम कस्बा बंद करने की घोषणा को भी पुलिस ने सार्वजनिक हंगामा पैदा करने की साजिश करार दिया।

नामजद आरोपितों में अधिकतर रैली के आयोजक है। बताते चलें कि इस रैली पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जबकि प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने रैली में शामिल महिलाओं को भी निशाना बनाया था। हालाँकि, पुलिस का दावा है कि लाठीचार्ज में कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है।

तीसरी FIR में 12 नामजद

इस मामले में तीसरी FIR 12 नामजदों सहित 300 से 400 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज हुई है। पुलिस ने आरोपितों द्वारा खुद पर पथराव करने का आरोप लगाया है। इसी के साथ FIR में सरकारी काम में बाधा डालने की भी धारा लगाई है है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।

पुलिस ने क्या कहा ?

ऑपइंडिया ने उमरगाम पुलिस संपर्क किया। पुलिस स्टेशन पीआई एस. डी चौधरी ने बातचीत में कहा कि कानून को हाथ में लेने वाली भीड़ के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर के जाँच की जा रही है। बकौल PSI अब तक कुल तीस से बत्तीस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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