सीमा पर भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी को तेलंगाना सरकार ने डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति दी है।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार (जुलाई 22, 2020) को संतोषी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। चंद्रशेखर राव ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि शहीद की पत्नी की नियुक्ति हैदराबाद या आसपास के इलाकों में ही की जाए।
Ms. Santoshi wife of Colonel Santosh Babu who martyred at India-China border met CM Sri KCR today. Hon’ble CM handed over the appointment letter as Deputy Collector. Later CM had lunch with the family members of Colonel Santosh Babu who came along with Santoshi. pic.twitter.com/U3Re2m8pUV
— Telangana CMO (@TelanganaCMO) July 22, 2020
कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी अपनी 8 साल की बेटी और 3 साल के बेटे के साथ फिलहाल दिल्ली में रहती हैं। संतोषी को ही सबसे पहले संतोष बाबू के वीरगति को प्राप्त होने का पता चला था। वहीं संतोष बाबू की माँ हैदराबाद में रहती हैं। वह चाहती थीं कि बेटे का ट्रांसफर किसी तरह हैदराबाद में ही हो जाए।
बता दें कि कर्नल बाबू के वीरगति के प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार ने उनके परिजनों को 5 करोड़ रुपए, रहने के लिए एक प्लॉट और एक सरकारी नौकरी का वादा किया था। इस वादे को निभाते हुए सीएम राव ने कर्नल संतोष बाबू की पत्नी को यह पद दिया।
गौरतलब है कि पिछले महीने 15 जून को गलवान घाटी में चीन के अवैध कब्जे को लेकर भारत और चीन की सेनाओं में खूनी संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू समेत सेना के कुल 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। चीन के भी कम के कम 43 सैनिक और अधिकारी इस झड़प में मारे गए।
भारतीय सेना की तरफ से नेतृत्व कर रहे 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू अपने माँ-बाप के इकलौती संतान थे। बेटे की मौत की घटना सुनने के बाद भी कर्नल के माँ-बाप टूटे नहीं। उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।
अपने बेटे को याद करते हुए उन्होंने कहा था, “मुझे पता था कि एक दिन आएगा, जब मुझे यह सुनना पड़ सकता है, जो मैं आज सुन रहा हूँ और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार था। मरना हर किसी को है लेकिन देश के लिए मरना सम्मान की बात है और मुझे अपने बेटे पर गर्व है।”
वहीं उनकी माँ ने कहा था, “मैं खुश हूँ कि मेरे बेटे ने देश के लिए अपना जीवन दे दिया लेकिन माँ के तौर पर दुखी हूँ। मैंने अपना इकलौता बेटा खो दिया।”
पिछले दिनों रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कोविड-19 के इलाज के लिए बने अस्पताल के वॉर्डों का नाम बलिदान सैनिकों के नाम पर रखा। डीआरडीओ ने बताया था कि दिल्ली में नई कोविड -19 फैसिलिटी के विभिन्न वार्डों का नाम चीन के साथ हुए खूनी झड़प में लद्दाख की गलवान घाटी पर बलिदान हुए जवानों के नाम पर रखा जाएगा। जिसमें अस्पताल के आईसीयू और वेंटीलेटर वार्ड का नाम कर्नल बी संतोष बाबू के नाम पर रखा गया है।