इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई देश की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन की मानव परीक्षण करने की योजना बना रही है। इस बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता डॉ सुरेंद्र जैन ने कोरोना वैक्सीन के मानवीय परीक्षण के लिए खुद को प्रस्तुत करने का निवेदन किया है।
विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने इस संबंध में रोहतक स्थित पंडित भागवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखा है, जो उन अस्पतालों में से एक है, जिसके प्रमुख को आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कोरोना वायरस वैक्सीन का क्लीनिकल परीक्षण इंसानों पर शुरू करने के लिए पत्र लिखा है।
पत्र में सुरेंद्र जैन ने लिखा है, “कोरोना महामारी की चुनौती का सामना करने में आपके विश्वविद्यालय का बहुत योगदान रहा है। अब आपको कोरोना वैक्सीन के मानवीय परीक्षण करने का सौभाग्य मिला है। मैं, डॉ सुरेंद्र जैन, अपने आपको इस वैक्सीन के मानवीय परीक्षण के लिए प्रस्तुत करता हूँ। जब भी आप मुझे इस परीक्षण के लिए बुलाएँगे, मैं प्रस्तुत हो जाऊँगा। आशा है आप मुझे यह सौभाग्य अवश्य देंगे।”
Dr. Surendra jain @drskj01 , joint Gen Secretary VHP today offers himself for the human trial of the Corona vaccine. He wrote a letter in this regard to the VC of Pt. BDS University of health sciences Rohtak. We salute his courage to save the humanity. pic.twitter.com/40lFhrysix
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) July 4, 2020
विश्व हिंदू परिषद ने ट्विटर पर डॉ सुरेंद्र जैन का पत्र शेयर करते हुए उनके इस कदम का स्वागत किया और कहा कि वो मानवता को बचाने के उनके साहस को सलाम करते हैं।
गौरतलब है कि ICMR ने गुरुवार (जुलाई 2, 2020) को कुल 12 संस्थानों को वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को फास्ट ट्रैक करने के लिए कहा था। बता दें कि देश का पहला कोरोना वायरस वैक्सीन – COVAXIN को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक (BBIL) के साथ ICMR द्वारा विकसित किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि इसे 15 अगस्त तक मानव परीक्षणों के पूरा होने के बाद सार्वजनिक उपयोग के लिए जारी किया जा सकता है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से सफलतापूर्वक COVAXIN विकसित किया। SARS-CoV-2 स्ट्रेन, जिसके कारण COVID -19 संक्रमण होता है, को आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे में आइसोलेट कर दिया गया था और मई में भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया गया।
भारत बायोटेक और मेडिकल कॉलेजों के प्रमुख जाँचकर्ताओं को लिखे पत्र में, ICMR के प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा था कि BBIL लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। हालाँकि, अंतिम परिणाम इस परियोजना में शामिल सभी क्लीनिकल ट्रायल साइटों के सहयोग पर निर्भर करेगा।
ICMR के महानिदेशक (डीजी) डॉ बलराम भार्गव ने चयनित किए गए संस्थानों को लिखा है, “यह भारत द्वारा विकसित किया जा रहा पहला स्वदेशी वैक्सीन है और सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है, जिसकी निगरानी सरकार द्वारा शीर्ष स्तर पर की जा रही है। सभी परीक्षणों (क्लिनिकल ट्रायल्स) के पूरा होने के बाद 15 अगस्त तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए वैक्सीन लॉन्च करने की उम्मीद जताई गई है।”