गैंगस्टर विकास दुबे आज सुबह मुठभेड़ में मारा गया था। यूपी एसटीएफ (STF) ने बयान जारी कर पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। विकास दुबे के मामले में अब एक और पक्ष सामने आया है।
एसटीएफ के अनुसार लखनऊ एसटीएफ की टीम विकास दुबे को तेज बहादुर सिंह की अगुवाई में लेकर आ रही थी। कानपुर में आने वाले सचेंडी थाने के नज़दीक कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर भैंसों का एक झुंड सामने आ गया। उन्हें बचाने की कोशिश में वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसके बाद कुछ पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए।
चोट लगने की वजह से कुछ पुलिसकर्मी अचेत हुए जिसका फायदा उठाकर विकास दुबे पुलिस निरीक्षक रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल उठा कर कच्चे रास्ते से भागने लगा। पीछे आ रहे बाकी पुलिसकर्मियों का वाहन यह देखकर दुर्घटनाग्रस्त वाहन के पास आकर रुका। घायल हुए पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि विकास दुबे कच्चे रास्ते से भागा है।
STF issues press note in #VikasDubey encounter matter. “A herd of cattle had come in front of the vehicle due to which driver took sudden turn leading to accident…Police tried to go close to him to nab him alive but he continued to fire. Police retalitaed in self-defence…” pic.twitter.com/iOXaXv8vno
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
घायल पुलिसकर्मियों को नज़दीकी अस्पताल भेजने के बाद शेष पुलिस कर्मियों को आदेश दिया गया कि वह विकास दुबे के पीछे जाएँ। पीछे करते हुए पुलिस जब उसके नजदीक पहुँची तो उसने फायर कर दिया। अभियुक्त को ज़िंदा पकड़ने की कोशिश में पुलिसकर्मी उसके नज़दीक गए भी लेकिन अंतिम क्षण में उसने फिर गोली चला दी।
ऐसी स्थिति में कोई विकल्प न बचने के बाद पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा और कत्वर्य का पालन करते हुए गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे मौके पर प्राथमिक उपचार दिया और इसके बाद सरकारी अस्पताल लेकर गए। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया, फिलहाल घायल पुलिसकर्मियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।