कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले विकास दुबे पर नकेल कसने की दिशा में यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने विकास के सबसे बड़े सहयोगी अमर दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया है। हमीरपुर में बुधवार (जुलाई 8, 2020) की सुबह यूपी एसटीएफ और हमीरपुस पुलिस को एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान ये सफलता मिली। अमर दुबे मध्य प्रदेश की सीमा में घुस कर फरार होने की कोशिश में लगा था।
जब उसने देखा कि मध्य प्रदेश की सीमा पर यूपी पुलिस ने सख्ती बरती हुई है और वाहनों की चेकिंग की जा रही है, उसने वहाँ जाने का विचार त्याग दिया। इसके बाद वो हमीरपुर के मौदहा में अपने एक सम्बन्धी के यहाँ जाने की फ़िराक़ में था लेकिन एसटीएफ को उसके इरादों की भनक लग गई। उसके पास से एक बैग और एक ऑटोमॅटिक फायर आर्म बरामद हुआ है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने एनकाउंटर साइट पर पहुँच कर जाँच शुरू कर दी है।
इस एनकाउंटर में दो पुलिसकर्मियों भी घायल हुए हैं। एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ADG, लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को बताया कि कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में अमर दुबे नामजद आरोपित था। उन्होंने बताया कि अमर दुबे के ऊपर 25,000 रुपए का इनाम रखा गया था। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।पुलिस ने उन सभी को खँगालना शुरू कर दिया है।
बता दें कि अमर दुबे के बारे में एसटीएफ को तब जानकारी मिली, जब वो विकास दुबे के ठिकानों की तलाश में लगी थी।कानपुर के स्थानीय लोग उसे विकास दुबे का दाहिना हाथ मानते हैं। जैसे ही उसके ठिकाने के बारे में एसटीएफ को पता चला, हमीरपुर जिले के उक्त क्षेत्र को सील कर के व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी लेकिन घिर जाने के बाद उसने पुलिस पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी।
कानपुर : सीओ सहित आठ पुलिस जवानों की हत्या के मामले में आज विकास दुबे के करीबी साथी अमर दुबे को हमीरपुर में यूपी एसटीएफ की टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया#KanpurPoliceAttack #KanpurEncounter pic.twitter.com/WkmcDRk2ug
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) July 8, 2020
बाद में पुलिस द्वारा की गई जवाबी फायरिंग में एक अपराधी के मारे जाने की सूचना मिली, जिसके पहचान अमर दुबे के रूप में की गई। बता दें कि गुरुवार और शुक्रवार के दिन अमर दुबे अपने आका विकास दुबे के घर में ही मौजूद था और पुलिस पर हमले की साजिश रचने और गोलीबारी करने में शामिल था। इसके बाद से ही वह 8 पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में विकास की तरह ही फरार चल रहा था।
बताया गया है कि पुलिस उसे ज़िंदा पकड़ना चाहती थी लेकिन सरेंडर करने की अपील के बावजूद उसने फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस को भी मजबूरन जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। उधर विकास दुबे भी अपने वकीलों की सलाह के बाद कोर्ट में सरेंडर की फिराक में है क्योंकि उसे डर है कि एनकाउंटर में उसे मार गिराया जा सकता है। फरीदाबाद में उसके दो क़रीबी हिरासत में हैं, जिनसे पूछताछ चल रही है।
अमर दुबे अपनी धाक जमाने के लिए दिखावे का शौक़ीन था और बंदूकें लेकर महँगी गाड़ियों के साथ फोटो क्लिक करवाता था। ‘दैनिक भास्कर’ के अनुसार, अमर और उसके साथी बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र को घसीट कर विकास दुबे के मामा प्रेम कुमार पांडे के घर में ले गए और गोलियों से भून दिया था। मिश्र पर धारदार हथियार से भी वार किए थे। प्रेम कुमार पांडे पहले ही एनकाउंटर में मारा गिराया जा चुका है।
विकास दुबे के बारे में पता चला है कि वो मंगलवार को फरिदाबाद स्थित एक होटल में छिपने के लिए पहुँचा था। शक है कि उसने अपनी वेशभूषा बदल रखी थी। जब होटल के कर्मचारी ने उससे कहा कि उसे अपनी आईडी दिखा कर पेमेंट करना होगा, तो वो वहाँ से निकल गया। पुलिस ने होटल पहुँच कर उसके कुछ साथियों को दबोच लिया लेकिन वो फरार हो गया। कहा जा रहा है कि वो ऑटो और टैक्सी से घूम रहा है।