झारखंड के रामगढ़ जिले के गंझूडीह टोला में धर्म परिवर्तन कराने पहुँचे ईसाई समुदाय के लोगों को बंधक बनाने की बात मीडिया में आई है। खबरों के मुताबिक, कुल 6 लोगों को बंधक बनाया गया था। स्थानीयों का आरोप है कि ये लोग एक परिवार को झूठा झांसा देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करवा रहे थे। ऐसे में आसपास के लोगों को जब पता चला तो इन्हें पकड़ लिया गया और घंटों बंधक बनाए बैठाए रखा गया।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुजू ओपीक्षेत्र के गंझूडीह टोला में एक आदिवासी परिवार का धर्म परिवर्तन कराने एक महिला सहित 6 लोग आए थे। इनके निशाने पर करमा करमाली का परिवार था जिनकी 4 बेटियाँ हैं और वो बेटा पाने के इच्छुक हैं। परिवार की कमजोरी भाँपते हुए ही धर्मांतरण कराने वालों ने उन्हें अपने जाल में फँसाया और कहा कि अगर वह ईसाई बनते हैं तो उनके बेटा हो जाएगा। धर्मांतरण के लिए परिवार जैसे ही तैयार हुआ ये लोग गंझूडीह आ पहुँचे। लेकिन इसी बीच ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई और वह लोग करमा करमाली के घर गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि सुगिया से आए ये लोगों ओरला के एक आदिवासी परिवार को नौकरी और पैसे का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे थे.https://t.co/oeA1wXOY5k
— News18 Jharkhand (@News18Jharkhand) November 20, 2021
वहाँ धर्मांतरण की ऐसी तैयारी चल रही थी जिसे देख सब अचंभित हो गए। सबने इसका विरोध किया और स्थानीयों ने धर्म परिवर्तन कराने वालों को बंधक बना लिया। जब मामला गरमाया तो किसी कैलाश करमाली ने कुजू पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस फौरन वहाँ पहुँची और बंधक बनाए गए लोगों को छुड़वाया। अब थाने में उनसे पूछताछ हो रही है।
बता दें कि अभी कल ही छत्तीसगढ़ से एक ऐसी खबर मीडिया में सामने आई थी जिसमें बताया गया था 400 परिवारों के 1200 लोगों ने हिंदू धर्म में घर वापसी की। हिंदू धर्म अपनाने वालों का कहना था कि तीन पीढ़ी पहले उनकी गरीबी का फायदा उठाकर उन्हें ईसाई बनाया गया था। लेकिन अब वो लोग जागरूक हो चुके हैं। इस पूरे घर वापसी अभियान में 100 परिवार स्थानीय थे और 300 परिवार बसना सराईपाली से थे। इन सबको 20 बसों में बैठाकर लाया गया था। पूरे कार्यक्रम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। ये दो दिवसीय कार्यक्रम था।