उत्तर प्रदेश के बरेली के एक गॉंव में मजहब विशेष से खौफजदा हिन्दू समुदाय के लोग पलायन और धर्मांतरण को मजबूर हैं। दिल्ली से क़रीब 300 किलोमीटर दूर बरेली के मिल्क पिछोड़ा गाँव में हिन्दू अल्पसंख्यक और समुदाय विशेष वाले बहुसंख्यक हैं। इस गॉंव के हिन्दुओं की माने तो दूसरे समुदाय वाले उन्हें पूजा-पाठ नहीं करने देते। विरोध करने पर उनके घर की लड़कियों को उठाने की धमकी देते हैं। हिन्दुओं के मुताबिक कई बार गुहार लगाने के बावजूद प्रशासन उनकी नहीं सुन रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह गाँव बरेली ज़िला मुख्यालय से लगभग 70 किमी की दूरी पर है जो कि वरुण गाँधी के संसदीय क्षेत्र पीलीभीत की बहेड़ी विधानसभा के अंतर्गत आता है। गाँव में लगभग 150 हिन्दू और 1,000 समुदाय विशेष से हैं। गाँव के हिन्दुओं का कहना है कि ग्राम समाज की ज़मीन पर पिछले 70 वर्षों से एक छोटा-सा मंदिर है, जिसका निर्माण कार्य गाँव वाले मिलकर कराना चाहते हैं। लेकिन, दूसरे समुदाय के लोग उन्हें न तो पूजा करने देते हैं और न ही मंदिर का निर्माण करने दे रहे हैं। विरोध करने पर दूसरे समुदाय के लोग लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों से उन पर हमला कर देते हैं।
इस सम्बन्ध में ऑपइंडिया ने बरेली ज़िले के एसएसपी मुनीराज और एएसपी अर्पित विजयवर्गीय से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने ऐसी घटना से इनकार किया है।
दैनिक जागरण ने हिन्दू महिलाओं के हवाले से बताया है कि सम्प्रदाय विशेष के लोग मंदिर में घंटा बजाने और मूर्ति पर जल चढ़ाने भी नहीं देते। यदि कोई हिन्दू इसका विरोध करता है तो दूसरे समुदाय के लोग उनके घर की लड़कियों को उठा लेने की धमकी देते हैं। सरस्वती नामक महिला ने बताया कि रोज-रोज इस तरह के धमकी भरे माहौल में रहना दूभर हो गया है। सभी अधिकारियों से मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन उसका कोई नतीजा अब तक नहीं निकला है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय विधायक छत्रपाल सिंह से भी कोई मदद नहीं मिली। सरस्वती ने कहा कि जहाँ पूजा-पाठ की स्वतंत्रता न हो, वहाँ से चले जाना ही बेहतर है।
ग्रामीणों का कहना है कि केन्द्र में मोदी और राज्य में योगी सरकार है। बावजूद इसके हिन्दू न तो कांवड़ यात्रा निकाल सकते हैं और न ही पूजा-पाठ कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने पुलिस पर भी एकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हिन्दू समाज के सैकड़ों लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज किया और सभी को मुचलका पाबंद भी किया। इन सब से तंग आकर ग्रामीणों ने यह फ़ैसला लिया है कि इस मामले पर अगर उनकी सुनवाई नहीं की गई तो या तो वो धर्म परिवर्तन कर लेंगे और या फिर गाँव छोड़कर चले जाएँगे।
ख़बरों के अनुसार, बरेली के एसएसपी मुनीराज का कहना है कि ग्रामीण नया मंदिर बनाना चाहते हैं, जो नियम के विरुद्ध है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार किसी नए धर्मिक स्थल का निर्माण नहीं हो सकता।