वामपंथियों और इस्लामी कट्टरवादी नेताओं ने समुदाय विशेष के पक्ष में अफवाहें फैलाईं और उन्हें भड़काने के लिए ऐसे-ऐसे तिकड़म आजमाए कि दिल्ली में हिन्दू-विरोधी दंगे हुए, जिसमें कई लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी। मौलवियों व मदरसा शिक्षकों से लेकर लोकल इस्लामी नेताओं तक, दंगों को भड़काने में सबका हाथ रहा। इसी क्रम में हम एक वीडियो लेकर आए हैं, जो कब का है या कहाँ का है, इस सम्बन्ध में कुछ भी पता नहीं चल पाया है। लेकिन, इस वीडियो से समुदाय विशेष के कुछ लोगों की सोच सामने आती है, जो देश के लिए काफ़ी खतरनाक है। इस वीडियो में इस्लामी नेता कहता दिख रहा है कि उन लोगों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
इस्लामी नेता ने अपने समाज के लोगों को चेतावनी दी कि किसी भी हिन्दू के पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ियों में तेल भराने न जाएँ और मुस्लिम के पट्रोल पम्पों पर ही तेल लें। उसने कहा कि अगर तुम ‘रसूल के गुलाम’ हो तो तुम्हें ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह’ की कसम है कि तुम हिन्दुओं के पट्रोल पंप पर नहीं जाओगे। साथ ही समुदाय विशेष को सलाह दी कि वो न तो हिन्दुओं की गाड़ियों पर चढ़ें और न ही उनकी दुकानों से दवाइयाँ खरीदने जाएँ। उसने हिन्दुओं का आर्थिक बहिष्कार करने की सलाह दी। नीचे संलग्न किए गए विडियो में आप उस इस्लामी नेता का संबोधन देख सकते हैं:
उसने समुदाय विशेष को ‘अल्लाह, गुलाम-ए-रसूल के बच्चों और कलमे’ का वास्ता देते हुए कहा कि वो हिन्दुओं से कुछ न ख़रीदें। उसने कहा कि पास में ही मुस्लिमों के भी पेट्रोल पंप हैं, वहाँ से तेल ले सकते हैं। इस वीडियो को देख कर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस तरह स्थानीय स्तर पर गली-मुहल्लों में समुदाय विशेष के लोग अपनी कौम के अन्य लोगों को हिन्दुओं के ख़िलाफ़ घृणा का सबक सिखा रहे हैं, जो बाद में हिन्दू-विरोधी दंगों का रूप ले लेती है।
सोशल मीडिया पर मौलवियों और मौलानाओं के कई भड़काऊ भाषण वायरल होते रहते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंदीय गृह मंत्री अमित शाह को मार डालने की बातें की जाती हैं। उन वीडियो में हिन्दुओं के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।