किसान आंदोलन के नाम पर हरियाणा पुलिस पर पथराव करने और बैरिकेड तोड़ने वालों के वीजा और पासपोर्ट अब रद्द किए जाएँगे। हरियाणा और पंजाब की सीमा पर उत्पात मचाने वालों पर पुलिस बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। ऐसे उपद्रवियों की पहचान भी कर ली गई है।
हरियाणा पुलिस के अधिकारी DSP जोगिन्दर शर्मा ने बताया है, “मैं यह मीडिया के माध्यम से बताना चाह रहा हूँ कि किसान आंदोलन में पंजाब से हरियाणा की तरफ आने वाले जो भी उपद्रवी हैं, जो बैरिकेड तोड़ रहे हैं या उत्पात मचा रहे हैं, उनको हमने चिन्हित किया है। इनकी पहचान हमारे ड्रोन और CCTV कैमरों में कैद हो गई है। इन लोगों के खिलाफ हम हमारे पासपोर्ट ऑफिस, दूतावास में पहचान भेज कर वीजा और पासपोर्ट, दोनों रद्द करने की माँग करेंगे।”
#WATCH | Haryana: On efforts to cancel passports and Visas of the alleged farmers involved in violence, DSP Ambala Joginder Sharma says, "We have identified involved in violence coming to Haryana from Punjab in the name of farmers' protest. We have identified them with CCTV… pic.twitter.com/AotrtQDle2
— ANI (@ANI) February 28, 2024
उपद्रवियों की पहचान करने के विषय में उन्होंने बताया, “हमने बहुत सारी फोटोग्राफ ऐसी ली हैं जिनमें कुछ लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं और उपद्रव मचा रहे हैं। उनका नाम और पता निकाल कर पासपोर्ट और वीजा ऑफिस भेज रहे हैं और इन्हें रद्द करने करवाएँगे।”
गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब की सीमा पर खन्नौरी तथा संभू में बीते कई दिनों पंजाब से आए किसान डेरा डाले हुए हैं। यह किसान दिल्ली जाने की माँग कर रहे हैं। इनको हरियाणा पुलिस ने यहाँ रोका हुआ है। पुलिस ने इसके लिए बैरिकेड लगाए हुए हैं और ड्रोन से इनकी निगरानी कर रहे हैं।
इस किसान आंदोलन में कुछ उपद्रवी भी शामिल हैं। यह हरियाणा पुलिस के ड्रोन को पत्थर फेंक कर गिरा रहे हैं। उपद्रवी हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड भी तोड़ रहे हैं। इन उपद्रवियों के चलते अब तक हरियाणा पुलिस के 30 से अधिक जवान घायल हो चुके हैं। दो पुलिसकर्मियों की यहाँ मौत भी हो चुकी है।
यह किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) द्वारा किया जा रहा है। इसकी माँग है कि इन्हें दिल्ली जा कर प्रदर्शन करने दिया जाए। यह दिल्ली जाकर MSP पर गारंटी समेत अन्य कई माँग कर रहे हैं।
इनकी कई बार केंद्र सरकार से बातचीत भी हो चुकी है लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका है। हालाँकि, इस किसान आंदोलन के नेताओं में भी आपसी मतभेद सामे आए हैं। किसानों का एक धड़ा सीधे केंद्र से भिड़ना चाहता है जबकि दूसरा धड़ा व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शन करना चाहता है।