Sunday, September 1, 2024
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खनौरी बॉर्डर पर पुलिस वालों को घेरा, पराली में भारी मात्रा में मिर्च डाल कर लगा दी आग… किसानों ने लाठी-गँड़ासे किया हमला, जम कर पत्थरबाजी: 12 पुलिसकर्मी घायल

प्रदर्शनकारियों से हरियाणा पुलिस ने ऐसा न करने की अपील करते हुए कहा कि ज़हरीले धुएँ से विजिबिलिटी कम हो जाती है और पुलिसकर्मियों द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास बाधित होता है।

देश में ‘किसान आंदोलन 2.0’ शुरू हो चुका है। पंजाब से निकले किसानों को हरियाणा की सीमा पर ओका गया है। ये किसान दिल्ली आना चाहते हैं। किसानों ने JCB से लेकर मिट्टी खोदने वाली मशीनें तक अपने पास रखी हैं। अब तक 3 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान मौत हो चुकी है। हरियाणा का शम्भू बॉर्डर और दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर को किसानों ने अड्डा बना रखा है। अब धारदार हथियारों से इन किसानों द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमले की भी खबर है।

खुद हरियाणा पुलिस ने इस संबंध में जानकारी दी है। एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने बताया, “किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा बुधवार (21 फरवरी, 2024) को दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों को घेर कर पुलिस नाके के आसपास भारी मात्रा में मिर्च पाउडर डाल कर आग लगा दी गई। पुलिसकर्मियों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा न सिर्फ भारी पत्थरबाजी की गई, बल्कि लाठी और गँड़ासा लेकर हमला भी किया गया। इस हमले में लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।”

हरियाणा पुलिस ने ये भी बताया है कि ज़हरीले धुएँ के कारण नाके के आसपास पुलिसकर्मियों को न सिर्फ साँस लेने में तकलीफ हुई, बल्कि उन्हें देखने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों से हरियाणा पुलिस ने ऐसा न करने की अपील करते हुए कहा कि ज़हरीले धुएँ से विजिबिलिटी कम हो जाती है और पुलिसकर्मियों द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास बाधित होता है। पुलिस ने कहा कि ऐसा करने से दोनों पक्षों के लिए जोखिम बढ़ जाता है और किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है।

हरियाणा पुलिस ने किसानों से कहा है कि वो कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और शांति बनाए रखें। किसान नेताओं ने धमकाया है कि उन्हें दिल्ली नहीं आने दिया गया तो वो चुनाव में भी भाजपा नेताओं को अपने गाँव में नहीं आने देंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसमें राजनीति खेलने उतर गए हैं और कह रहे हैं कि किसानों को दिल्ली आने देना चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा कि SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) गुरुवार को बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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