आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले से शनिवार (16 मई 2020) को एक भयावह घटना सामने आई। जहाँ नर्सिपटनम इलाके में पुलिस ने एक निलंबित डॉक्टर के साथ कथित तौर पर मारपीट की। उनके हाथ बाँध दिए।
रिपोर्टों के अनुसार, एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा डॉ. के सुधाकर को लात मारने और सड़क पर घसीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद न केवल विपक्षी दलों बल्कि आम नागरिकों ने भी इस पर नाराजगी जताई है।
वीडियो में देखा जा सकता हैं कि निलंबित डॉक्टर खाली बदन सड़क के बीच में चल रहा था। इसके बाद पुलिस ने उनके हाथ बाँध दिए और एक अन्य कांस्टेबल ने लाठी मारी। फिर डॉक्टर को सड़क पर लेटे हुए देखा गया और उनके हाथ बँधे थे। बाद में, पुलिस ने उसे वहाँ से उठाया एक ऑटो में डाल दिया और पुलिस स्टेशन ले गई।
Andhra doctor tied-up, thrashed by Vizag cops. Cops claim doc psychologically disturbed & drunk. Same doc was suspended by Jagan govt two months ago, when he spoke up against lack of N-95 masks in govt hospital in Narsipatnam. Vizag top cop suspends constable for thrashing doc. pic.twitter.com/aE9vhp38hx
— Paul Oommen (@Paul_Oommen) May 16, 2020
कथित तौर पर, डॉ. सुधाकर नर्सिपटनम सरकारी अस्पताल में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट थे। उन्हें जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछले महीने अनुशासनात्मक आधार पर निलंबित कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार डॉक्टरों को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं करा रही है।
उन्होंने कहा, “हमें नए मास्क को माँगने से पहले 15 दिनों के लिए उसी मास्क का उपयोग करने के लिए कहा जाता है। हम अपने जीवन को खतरे में डालकर मरीजों का इलाज कैसे कर सकते हैं?”
डॉक्टर के सस्पेंड होने के एक महीने बाद ये वीडियो सामने आया है। विपक्षी दलों, विशेष रूप से तेलुगु देशम पार्टी ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यह राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाती है।
राज्य में वाईएसआर कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए टीडीपी महासचिव नारा लोकेश ने ट्वीट किया, “डॉ. सुधाकर को केवल एक मास्क माँगने पर गलत तरीके से निलंबित कर दिया गया था। दलित डॉक्टर को अब जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा लाठी से मारा गया है। हम इस घटना की निंदा करते हैं।”
.@ysjagan గారిది క్రూరమైన మనస్తత్వం.మాస్క్ ఇవ్వమని వేడుకున్న డాక్టర్ సుధాకర్ ని నియంతలా సస్పెండ్ చేసారు.ఒక దళిత డాక్టర్ ని తాళ్లతో కట్టి,లాఠీలతో కొట్టించడం జగన్ ఉన్మాదానికి పరాకాష్ట.వైకాపా ప్రభుత్వ దుర్మార్గ చర్యను తీవ్రంగా ఖండిస్తున్నాను. (1/2) pic.twitter.com/4n5nxAtz81
— Lokesh Nara #StayHomeSaveLives (@naralokesh) May 16, 2020
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. सुधाकर कथित रूप से नशे में थे और पालम पोर्ट हॉस्पिटल जंक्शन के पास उपद्रव कर रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, नशे में धुत डॉक्टर जंक्शन के पास अपनी कार में आए थे और मुख्य सड़क पर लगे बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की।
साथ ही उन्होंने एक बाइकर को टक्कर मार दी थी। पुलिस ने दावा किया कि डॉ. सुधाकर ने अपनी कमीज फाड़ ली और एक कांस्टेबल का फोन क्षतिग्रस्त कर दिया। हालाँकि न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. सुधाकर ने इस बात से इनकार किया है कि वह नशे में थे।
विशाखापत्तनम के पुलिस आयुक्त आरके मीणा ने कहा कि जिस कांस्टेबल ने डॉक्टर पर लाठीचार्ज किया था, उसे निलंबित कर दिया गया था। घटना की जाँच के आदेश दे दिए गए हैं।
पुलिस आयुक्त के अनुसार उनके नियंत्रण कक्ष को एक कॉल आया था जिसमें अक्कायपलेम इलाके में राजमार्ग पर डॉ. सुधाकर द्वारा उपद्रव मचाने की खबर मिली थी। पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि हरकतों से लगता हैं कि ‘डॉक्टर की मानसिक स्थिति शायद ठीक नहीं है।’