शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिज़वी ने तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद नुसरत जहां के सिंदूर और बिंदी लगाने के माममले में उलेमा के फ़तवों पर कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि हर मुस्लिम शादीशुदा महिला को अपने हिसाब से सजने-सँवरने का हक़ है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि मुल्ला को यह साबित करना चाहिए कि आख़िर सिंदूर और बिंदी लगाना हराम है।
ख़बर के अनुसार, रिज़वी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला सिंदूर लगाती है, चूड़ियाँ पहनती है, मंगलसूत्र पहनती है या बिंदी लगाती है तो यह शरियत के तौर पर हराम नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो दुनिया के सभी मुल्लाओं को चैलेंज करते हैं और यह साबित करके दिखाएँ कि किस शरियत में लिखा है कि सिंदूर लगाना हराम है।
TMC सांसद नुसरत जहां के ख़िलाफ़ जारी किए गए फ़तवे की निंदा करते हुए रिज़वी ने कहा कि हिन्दुस्तान में यह तालिबानी मानसिकता का प्रचार है। इस तरह का फ़तवा जारी करने वाले लोगों से कड़ाई से निपटने की आवश्यकता है।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिज़वी ने कहा था कि अगर समय रहते प्राथमिक मदरसे बंद न किए गए तो 15 साल बाद देश का आधे से ज़्यादा अल्पसंख्यक ISIS की विचारधारा का समर्थक हो जाएगा। इसके पीछे वजह उन्होंने बताई कि दुनिया में देखा गया है कि कोई भी मिशन चलाने के लिए बच्चों को निशाना बनाया जाता है।