केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है। 300 से अधिक लोगों को इस भूस्खलन में अपनी जान गँवानी पड़ी है जबकि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता है। कई गाँव पूरे के पूरे बर्बाद हो चुके हैं। इस बीच एक बच्ची की कहानी सामने आई है, जिसे उसने आपदा से एक दिन पहले ही लिखा था। बच्ची के पिता भी इस हादसे में काल के गाल में समा गए हैं। एक महिला इस बीच बच्चों को स्तनपान करवाने के लिए आगे आई है।
बच्ची की कहानी जैसी आई आपदा
केरल के जिस वायनाड में यह घटना घटी है, वहीं के एक स्कूल वेल्लारमाला की एक बच्ची ने यह कहानी लिखी थी। यह कहानी इस स्कूल की मैगजीन के लिए लिखी गई। बच्ची की यह कहानी 29 जुलाई की सुबह प्रकाशित हुई थी। अगली रात को यहाँ भूस्खलन हो गया। इस बच्ची का नाम लाया AS है। कहानी में बच्ची ने लिखा है कि एक बच्ची बहते पानी में डूब जाती है। लेकिन कुछ दिनों बाद वह एक चिड़िया बन कर लौटती है और लोगों को पानी के पास जाने से रोकती है।
बच्ची की कहानी में यह चिड़िया इसलिए लोगों को चेता रही ताकि वह ना डूबें। चिड़िया बताती है कि पहाड़ी से पानी आ रहा है और जल्द ही कोई बड़ा खतरा आने वाला है। बच्ची की कहानी के छपने के 24 घंटे के भीतर यह भूस्खलन हुआ। दुखद बात यह है कि इस हादसे में बच्ची के पिता भी मारे गए हैं। आपदा के बाद बच्ची की कहानी की लगातार चर्चा हो रही है।
स्तनपान करवाने पहुँची महिला
वायनाड में आई इस त्रासदी के बीच एक समाजसेवी महिला यहाँ उन बच्चों को स्तनपान करवाने पहुँची है, जिनके माता-पिता इस हादसे में हताहत हुए हैं। इडुक्की की रहने वाली भावना और उनके पति ने इस घटना के विषय में जानकारी पाने के बाद सोशल मीडिया पर उन्होंने ऐलान किया कि वह मदद के लिए तैयार हैं।
भावना और उनके पति अपने घर से 350 किलोमीटर दूर वायनाड पहुँच भी गए हैं। भावना ने बताया कि उन्हें, मैसेज पोस्ट करने के बाद एक फोन आया था। हालाँकि, जब वह वायनाड पहुँची तो यहाँ उन्हें वैसा कोई व्यक्ति नहीं मिला, ना ही उसने फोन उठाया। भावना ने बताया कि यह फोन फर्जी था। वर्तमान में वह सुल्तान भतेरी में एक रिश्तेदार के यहाँ रुके हुए हैं।
भावना ने बताया कि जब तक वह यहाँ एक बच्चे की मदद नहीं कर देते, तब तक वापस नहीं जाएँगे। उन्होंने बताया कि गुरुवार (1 अगस्त, 2024) को वह किसी भी रिलीफ कैम्प में नहीं जा पाए क्योंकि यहाँ राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी आए हुए थे।