Saturday, November 16, 2024
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कोरोना वैक्सीन को लेकर मुस्लिमों को भड़काने के आरोप में Youtuber अबू फैसल गिरफ्तार

वीडियो में, फैसल ने कोरोना वायरस के बारे में अवैज्ञानिक दावे किए और मुसलमानों से कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं लेने का आग्रह किया था। YouTuber ने यह भी दावा किया था कि टीके जनसंख्या नियंत्रण का एक साधन है।

10 महीने की लगातार निगरानी के बाद, हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन (CCS) के लोगों ने शुक्रवार (फरवरी 26, 2021) को अबू फैसल को गिरफ्तार किया। बाद में साइबर अपराध पुलिस को सौंप दिया गया। अबू फैसल को दुबई से शहर के हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद इंटरनेट पर सांप्रदायिक नफरत वाले वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि अबू फैसल AIMIM का समर्थक है।

आरोपित ‘अबू फैसल धमाका’ नाम का यूट्यूब चैनल चलाता है जहाँ वह समसामयिक घटनाओं पर अपने विचार शेयर करता है। वीडियो में, फैसल ने कोरोना वायरस के बारे में अवैज्ञानिक दावे किए और मुसलमानों से कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं लेने का आग्रह किया था। YouTuber ने यह भी दावा किया था कि टीके जनसंख्या नियंत्रण का एक साधन है, और उसने ‘गौ रक्षा से जुड़े समूहों’ के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने का दावा किया था। हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद वीडियो को बाद में हटा लिया गया था।

न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने एक इमरान खान द्वारा दायर याचिका में यह आदेश पारित किया, जिन्होंने राज्य और पुलिस तंत्र से फैसल के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 149, 151,110 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाने की माँग की थी। खान ने YouTube, Google और फेसबुक सहित अबू फैसल की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुँच को स्थायी रूप से अवरुद्ध करने के निर्देश देने की माँग की थी।

याचिकाकर्ता के अनुसार, अबू फैसल ने उक्त वीडियो में आरोप लगाया कि मीडिया को मुसलमानों को निशाना बनाने और इस्लाम को कोरोना वायरस महामारी की आड़ में बदनाम करने का निर्देश दिया गया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वीडियो हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा करेगा।

हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने मई 2020 में स्वत: संज्ञान लेते हुए उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। अबू फैसल ने 4 जून 2020 को भी इसी तरह का वीडियो जारी किया था, जिसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस निकाला गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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