पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति लगातार संदिग्ध बनी हुई है। राज्य सरकार कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रही है। इस बीच एक बुजुर्ग की मौत ने कोलकाता के एमआर बंगुर अस्पताल को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है।
कोलकाता वार्ड नंबर 36 के निवासी राज गुप्ता ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर अपने पिता की हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके पिता अच्छे-भले कोलकाता के एमआर बंगुर अस्पताल में कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद भर्ती हुए थे। उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनका इलाज सही से होगा। मगर, अगले ही दिन अस्पताल से खबर आई कि उनके पिता का देहांत हो गया है।
राज का कहना है कि जब उसके पिता एक रात पहले अच्छे-भले अपने पैरों से चलकर अस्पताल में भर्ती होने गए, तो उनकी मौत अगले कैसे हुई? अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसका जवाब दे।
Real situation of Paschim Banga- Health Department.#CoronaPandemic pic.twitter.com/YwVxOGoRe8
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) April 28, 2020
बता दें, इस मामले में राज के बयान के कई वीडियोज सोशल मीडिया पर आए हैं। इनमें से एक को बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी शेयर किया है। इन वीडियोज में राज बताते हैं कि कैसे उनके पिता के साथ एमआर बंगुर अस्पताल में खिलवाड़ हुआ। पहले उनके पिता को कोविड पॉजिटिव बताया गया और कहा गया कि वे सब होम क्वारंटाइन हो जाएँ।
जब पिता के संक्रमित होने की सूचना मिलने पर सब लोगों ने खुद को घर में पृथक कर लिया, तो उनके पास फोन आया और कहा गया कि उनके पिता नेगेटिव हैं और उन्हें अस्पताल से ले जाएँ। इसके बाद 26 तारीख को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। मगर, फिर जब उनके पिता घर आ गए और परिवार के साथ रहने लगे तो अगले दिन फोन आया कि अस्पताल से गलती हो गई और उनके पिता संक्रमित ही हैं।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगते हुए राज ने कुछ वीडियो साझा किए हैं। इनमें उनके पिता भी नजर आ रहे हैं। वीडियो में उन्होंने अस्पताल द्वारा जारी डिस्चार्ज पेपर दिखाया। साथ ही सारी बात बताई। वीडियो में उनके पिता ने ये भी कहा कि वे बिलकुल ठीक हैं। उन्हें बस खाँसी-जुखाम हैं। इसलिए अगर अस्पताल के कारण कुछ होता है, तो वह उनका और उनके घरवालों का इलाज करेंगे।
पहली वीडियो में हम देख सकते हैं कि राज गुप्ता के पिता एकदम ठीक नजर आ रहे हैं। हल्के जुखाम की शिकायत कर रहे हैं। इसके बाद एक वीडियो में उन्हें अस्पताल जाते दिखाया जा रहा है और उनका परिवार उन्हें हिम्मत देता दिख रहा है। इस वीडियो में वे खुद चलकर अस्पताल जा रहे हैं और उनका परिवार लोगों को अस्पताल की लापरवाही बता रहा है। मगर, इसी क्रम की आखिरी वीडियो में राज उन्हें मृत बता रहा है और कह रहा है कि अस्पताल ने उन्हें ये जानकारी दी कि उनके पिता की मौत हो गई है।
उनका पूछना है कि अब जब उनके पिता एक रात पहले अच्छे-भले गए तो फिर उनकी मौत कैसे हुई? वे कहते हैं कि उन्हें अपने सवालों का जवाब चाहिए। क्योंकि ये सब लापरवाही है और उनके पिता का मर्डर हुआ है। राज का कहना है कि उन्हें इस संबंध में अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय व उसके सर्वेसर्वा से जवाब चाहिए। वे कहते हैं कि अगर उन्हें यहाँ अपने सवालों का जवाब नहीं मिला तो वे इस बात को आगे तक ले जाएँगे।
वे बताते हैं कि उनके परिवार में 6 महीने का बच्चा समेत 5 लोग हैं। अब प्रशासन की गलती से वो भी संक्रमित हो सकते हैं। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? अगर राज्य सरकार उनका ख्याल रखने को तैयार है तो वो आकर उनसे बात करे और बताए कि उनके लिए कैसे क्या किया जाएगा? इसके अलावा उन्हें उनके पिता की रिपोर्ट भी दी जाए, जिसमें वे कोरोना पॉजिटिव आए। नहीं तो वे मान चुके हैं कि प्रशासन ने उनका मर्डर किया। वे कहते हैं कि उनके पिता ने आखिरी वक़्त तक कहा कि वे अस्पताल नहीं जाएँगे। लेकिन उनके परिवार वालों ने कहा कि आप जाइए, अगर सरकार का साथ देंगे तो सरकार हमारा साथ देगी।
गौरतलब है कि इससे पहले एमआर बंगूर अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। इसमें दिखाया गया था कि वहाँ किस प्रकार आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संदिग्धों को बदइंतजामी के बीच रखा जा रहा है।