पश्चिम बंगाल में सामूहिक बलात्कार पीड़िता को तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने कथित तौर पर धमकी दी है।
सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट मोनिका अरोड़ा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम की एक गैंगरेप पीड़िता को पुलिस अधिकारियों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस के उन नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पर धमकी दी, जिन्होंने कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था।
एडवोकेट मोनिका अरोड़ा ने अपने ट्वीट में कहा कि शांतिनिकेतन के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार (23 जुलाई 2021) को पीड़िता के घर का दौरा किया और टीएमसी नेताओं पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाने के लिए उसे धमकाया। पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर उसे चेतावनी देते हुए कहा कि वो शुक्रवार रात ही उसे पुलिस स्टेशन ले जाएँगे, क्योंकि उसने टीएमसी नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
Just now Gangrape victim in Bengal being threatened by police from Shantiniktan, Birbhum
— Monika Arora (@advmonikaarora) July 23, 2021
-Police says they will take her to police station just now at nite because she complained against TMC leaders who gangraped her.
Pls help her@jdhankhar1@AmitShah
@NHRC
दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और एक्टिविस्ट डॉ श्रुति मिश्रा ने एक ऑडियो क्लिप शेयर किया, जिसमें पीड़िता को आपबीती सुनाते हुए सुना गया। डॉ श्रुति मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा, “पश्चिम बंगाल में संविधान, क़ानून, मूल अधिकार, मानवीयता सब कुछ दाँव पर है। पीड़ित महिला को न्याय दिलाने की जगह पुलिस उल्टा पीड़िता को अरेस्ट करने पहुँची है, वह भी रात को 8 बजे।”
— Monika Arora (@advmonikaarora) July 23, 2021
डॉ मिश्रा द्वारा साझा किए गए ऑडियो क्लिप में, पीड़िता, जो काफी घबराई हुई है, को आपबीती सुनाते हुए सुना जा सकता है। पीड़िता का कहना है कि शांतिनिकेतन थाने के 6 पुलिस अधिकारी उसके घर पहुँचे और उसके पिता को धमकाया कि वे उसकी बेटी को थाने ले जाएँगे।
पीड़िता ने कहा कि पुलिस उसे सामूहिक दुष्कर्म मामले की पूछताछ के लिए शुक्रवार रात आठ बजे थाने आने के लिए कह रही थी। ऑडियो में पीड़िता का कहना है कि वह पुलिस अधिकारियों की पहचान नहीं कर सकी क्योंकि उनके पास उनका आधिकारिक बैज नहीं था।
इस भीषण घटना के बाद, एक्टिविस्ट मोनिका अरोड़ा और डॉ श्रुति मिश्रा ने केंद्र और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मामले का संज्ञान लेने और पीड़िता को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा, सामूहिक बलात्कार
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस की जीत के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हिंसा शुरू हो गई। राज्य से हिंसा की डरावनी कहानियाँ सामने आईं, जिनमें पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हमला, बलात्कार, पुलिस की उदासीनता शामिल है। महिलाओं ने उनके द्वारा किए गए भयानक अपराधों का विवरण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पीड़ितों ने सभी घटनाओं के साथ-साथ बंगाल पुलिस की निष्क्रियता की एसआईटी जाँच की माँग की थी।