आगरा के ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ने की कोशिश का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल के एक युवक ने गुरुवार (16 नवंबर 2023) को ताजमहल गार्डेन में यह कोशिश की। हालाँकि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद युवक ने यह कहते हुए माफी माँग ली कि परिसर में नमाज पर पाबंदी को लेकर उसे जानकारी नहीं थी।
रिपोर्ट के अनुसार युवक गार्डेन में नमाज पढ़ने के लिए जानमाज बिछा रहा था। लेकिन CISF जवान ने उसे रोक दिया। एक अन्य टूरिस्ट ने इसका वीडियो भी बना लिया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, “गुरुवार को एक वीडियो सामने आया और सत्यापन के बाद यह पुष्टि हुई कि पश्चिम बंगाल के एक पर्यटक ने नमाज पढ़ने के लिए ताजमहल के बगीचे में अपनी जानमाज (चटाई) खोल दी थी। सीआईएसएफ कर्मियों ने तुरंत उसे ऐसा करने से रोका।”
पश्चिम बंगाल से आए इस टूरिस्ट को जवान कंट्रोल रूम में ले गए। यहाँ उसने ताजमहल में नमाज अदा करने पर लगी रोक पर हैरानी जताई। लिखित माफीनामे के बाद उसे छोड़ दिया गया। एएसआई अधिकारी वाजपेयी का कहना है कि नमाज पढ़ी नहीं गई थी और युवक ने बाद में नियमों का पालन किया।
वैसे ताजमहल परिसर में नमाज अदा करने का ये पहला मामला नहीं है। 26 मई 2022 हैदराबाद के तीन और आज़मगढ़ के एक व्यक्ति को ताजमहल में बनी मस्जिद में नमाज अदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन सब पर आईपीसी की धारा 153 के तहत केस दर्ज हुआ था।
Uttar Pradesh | Four people were arrested for offering namaz at the mosque in Taj Mahal premises. Three of them are from Hyderabad and one is from Azamgarh. They have been booked under section 153 of IPC. They have been presented in the court: Vikas Kumar, SP City Agra pic.twitter.com/WTU30EjzcY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 26, 2022
सुप्रीम कोर्ट में 2018 में ताजमहल परिसर की मस्जिद में बाहरी लोगों के नमाज अदा करने की इजाजत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि इस ऐतिहासिक स्मारक का संरक्षण सबसे अधिक जरूरी है। तब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस बात पर जोर दिया था कि ताजमहल को संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
Supreme Court refuses to allow offering of Namaz at Taj Mahal. The Court says the historic Taj Mahal is one of the seven wonders of the world, so it should be kept in mind that no Namaz will be offered there. There are other places where one can do that. pic.twitter.com/vYQ3xHNiwy
— ANI (@ANI) July 9, 2018
आगरा जिला प्रशासन ने जनवरी 2018 में आदेश निकाला था कि स्थानीय लोगों को भी नमाज अदा करने के लिए परिसर में प्रवेश से पहले वैध आईडी प्रमाण दिखाना होगा। साथ ही प्रशासन ने हर शुक्रवार को पर्यटकों के लिए बंद रहने वाले ताजमहल परिसर में बाहरी लोगों को प्रवेश पर से रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ महीने बाद नवंबर में ASI ने भी ताज महल में रोजाना नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी थी। ASI ने नवंबर 2018 में शुक्रवार को छोड़कर सभी दिनों में ताजमहल में नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।