बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज कंगना रनौत के दफ्तर के हिस्सों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी। बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (BMC) और मुंबई पुलिस की टीम बुलडोजरों के साथ कंगना रनौत के दफ्तर पहुँची थी, जहाँ उसके कई हिस्सों को तोड़ भी डाला गया। इसके बाद कंगना रनौत भी मुंबई पहुँचीं। अब जब BMC पर कई सवाल उठ रहे हैं, ये भी याद करना ज़रूरी है कि उसने भिंडी बाजार में आतंकी दाऊद इब्राहिम से इमारत को लेकर हाईकोर्ट से डाँट सुनी थी।
जून 2020 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने BMC और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) को फटकार लगाते हुए पूछा था कि उन्होंने भिंडी बाजार में स्थित जीर्ण-शीर्ण इमारत को क्यों नहीं ध्वस्त किया? हाईकोर्ट की एकल पीठ ने तभी चेताया था कि मानसून आने पर अगर ये इमारत या इसका कोई हिस्सा गिरता है तो इससे जानमाल की क्षति हो सकती है। उस इमारत का नाम है- हाजी इस्माइल मुसाफिरखाना।
उन इमारतों की मरम्मत और प्रबंधन का काम देखने वाली SBUT ने तब कोर्ट में बताया था कि वो उसमें रह रहे किराएदारों को कहीं और शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है। अधिवक्ता फज़ल महमूद के जरिए इस इमारत में निचले फ्लोर पर रह रहे लोगों ने अर्जी दी थी कि इस इमारत को इसीलिए ध्वस्त नहीं किया जा सकता क्योंकि एक तो इसके भीतर मस्जिद है और ऊपर से ये वक़्फ़ की संपत्ति है। वहीं MHADA ने लॉकडाउन में कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर इसे बाद में ध्वस्त करने की बात कही थी।
हालाँकि, अदालत ने कहा था कि अगर इस इमारत के भीतर मस्जिद है फिर भी जनता की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करनी ही पड़ेगी। जज ने आश्चर्य जताया था कि BMC और MHADA के पास पूरी ताकत होने के बावजूद इसे गिराया क्यों नहीं जा रहा? बता दें कि मुसाफिरखाना बिल्डिंग को अंडरवर्ल्ड आतंकी दाऊद इब्राहिम के भारत में अंतिम पते के रूप में जाना जाता है। वो यहीं पर रहा करता था। ये पकमोडिया स्ट्रीट के प्लाट नंबर 33 पर स्थित है।
HC said that a masjid or a prayer hall in a dilapidated building has “no relevance at all to the question of public safety”.
— Omkar Gokhale (@OmkarGokhale91) June 11, 2020
दाऊद इब्राहिम 1986 में इसके दूसरे फ्लोर पर रहा करता था। उसने पूरे फ्लोर पर ही कब्जा किया हुआ था। उसके बाद उसकी अम्मी अमीनाबाई ने यहाँ कब्जा किया। बाद में टाडा कोर्ट ने इस पूरी संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया क्योंकि 1993 बम ब्लास्ट केस में दाऊद इब्राहिम भगोड़ा सिद्ध हो चुका था। दिसंबर 2019 में ही हाईकोर्ट ने इस इमारत को ध्वस्त करने की इजाजत दे दी थी। ये इमारत 80 साल पुराना है।
इधर BMC की करतूत पर कंगना रनौत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और उसके गुंडे अवैध रूप से उनकी संपत्ति को ध्वस्त करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये सब जारी रखो, इससे उनके आत्मबल में और वृद्धि ही होती जाएगी। कंगना ने भावुक होकर ट्विटर पर लिखा कि ‘मणिकर्णिका फिल्म्स’ में पहली फ़िल्म ‘अपराजित अयोध्या’ की घोषणा हुई थी। कंगना रनौत ने कहा कि यह उनके लिए एक इमारत नहीं बल्कि राम मंदिर ही है, आज वहाँ बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा।