दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन दिन पहले इस्लामिक स्टेट (ISIS) के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम शाहनवाज आलफ उर्फ सफीउज्जमा, अरशद वारसी और रिजवान अब्दुल हाजी अली हैं। इनमें से शाहनवाज आलम आईएस के पुणे मॉड्यूल का हिस्सा था।
शाहनवाज NIA की गिरफ्त से एक बार पहले भाग चुका है। उस पर एनआईए ने तीन लाख रुपए का ईनाम भी रखा था। वहीं, उसे दिल्ली में शाहनवाज को शरण देने वाला अरशद वारसी था। वह दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा है। अरशद वारसी तिहाड़ जेल में बंद शरजील इमाम का साथी है और वो दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के साथ ही शाहीन बाग के प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभा चुका है।
शाहनवाज उर्फ सफीउज्जमा हजारीबाग का रहने वाला है। वो तीन साल से परिवार के संपर्क में भी नहीं था। उसके पिता इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल रह चुके हैं। साल 2020 में हजारीबाग पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में शाहनवाज को गिरफ्तार किया था। इसमें जमानत मिलने के बाद से वह फरार था और पहले पुणे, फिर दिल्ली में रहकर आईएस के लिए भर्तियाँ कर रहा था। उसने गुजरात की एक हिंदू लड़की बसंती पटेल को मरियम बनाकर निकाह भी किया है।
शाहनवाज को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। शाहनवाज के साथ ही दिल्ली पुलिस ने रिजवान और अरशद वारसी को गिरफ्तार किया है। झारखंड का रहने वाले अरशद वारसी ने लॉकडाउन के दौरान मुरादाबाद की लड़की जैनब से निकाह कर लिया था।
वारसी 1 अक्टूबर को अपनी ससुराल में जाकर छिप गया था। वहाँ से उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया। अरशद वारसी ने अलीगढ़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान जैनब के साथ नजदीकी बढ़ाई थी और दिल्ली में रहते हुए उसने परिजनों की सहमति से निकाह किया था।
दिल्ली को निशाना बनाने की थी साजिश
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि तीनों संदिग्ध आतंकी मंदिरों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर दिवाली से पहले धमाके की साजिश रच रहे थे। आतंकी साजिश के आरोप में गिरफ्तार अरशद ने पूछताछ में बताया है कि वो 2016 से कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल है। वो आईएस के आतंकी शाहनवाज को पहले से जानता है और अब दिल्ली में वो दोनों मिलकर आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे।
काफी टेढ़ा निकला अरशद वारसी
अरशद वारसी झारखंड के गढ़वा का रहने वाला है। उसे पिता गढ़वा के हाईस्कूल में शिक्षक हैं। वो शरजील इमाम का अभिन्न साथी है। दोनों साथ ही में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पीएचडी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि अरशद जामिया में पढ़ते हुए रेडिकल छात्रों का ग्रुप संचालित करता था और शाहीन बाग के प्रदर्शन के आयोजन में अहम भूमिका निभा चुका था।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद वारसी ने शरजील इमाम के साथ मिलकर दिल्ली दंगों के लिए जमीन तैयार की थी। उसका जिक्र चार्जशीट में भी है। चार्जशीट के मुताबिक, एंटी सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के लिए शरजील इमाम, उमर खालिद और अरशद वारसी ने अलग-अलग वाट्स ग्रुप और संगठन बनाया गया था, जिसमें अरशद ने ‘स्टूडेंट ऑफ जामिया’ नाम का एक ग्रुप दंगों के पहले 2019 में बनाया गया था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ‘स्टूडेंट ऑफ जामिया’ को रेडिकल ग्रुप करार दिया है। यही नहीं, अरशद ने शरजील इमाम के साथ मिलकर एंटी सीएए-एनआरसी प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली के कई मस्जिदों और मुस्लिम इलाकों में भड़काऊ पर्चे बाँटे थे, जिसमें अयोध्या राम मंदिर Vs बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर चक्का जाम करने और विरोध प्रदर्शनों की अपील की गई थी।