Sunday, December 22, 2024
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परचून की दुकान से लेकर कई हजार करोड़ के कारोबार तक, 38 मुकदमों वाले हाजी इक़बाल ने सपा-बसपा सरकार में ऐसी जुटाई अकूत संपत्ति: दुबई में है छिपा

साल 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद इन्हीं संपत्तियों पर जाँच बैठ गई और वह जाँच करीब 4 साल तक चली। इसके बाद उसका बुरा समय करीब आने लगा।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का खनन माफिया हाजी इकबाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वो दुबई में छिपा बैठा है। सहारनपुर में 4,440 करोड़ की संपत्ति अब तक जब्त हो चुकी है, लेकिन उसकी तबियत पर बहुत फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। फर्क पड़े भी क्यों? सारी संपत्ति काली कमाई से जो जुटाई गई थी। इसमें उसके द्वारा खड़ी की गई ग्लोकल यूनिवर्सिटी भी शामिल है, जो जब्त की जा चुकी है।

कभी परचून की दुकान चलाना था इकबाल, करता था शहद की सप्लाई

हाजी इकबाल का नाम मोहम्मद इकबाल है। कभी वो और उसका पूरा परिवार गरीब हुआ करता था। वो परचून की दुकान चलाया करता था और शहद की सप्लाई करता था। धीरे-धीरे वो पैसे इकट्ठे कर राजनीति की तरफ बढ़ने लगा और सपा-बसपा सरकारों में जमकर संपत्ति जुटाई। हाजी इकबाल पर 38 मुकदमे दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश में बीएसपी की सरकार के समय वो सबसे पहले बीएसपी में शामिल हो गया।

बीएसपी में रहते हुए उसने अपने इलाके में स्थित घाड़ क्षेत्र में खनन के काम में हाथ डाला। इस इलाके में बारिश के मौसम में बाढ़ आ जाती थी और गर्मी में सूखा पड़ जाता था। इसी दौरान उसने खनन में इतना पैसा बनाया और राजनीति में झोंककर खुद को मजबूत बनाता गया। बीएसपी सरकार के रहने के दौरान ही उसने हजारों करोड़ की संपत्ति जुटा ली। खनन कारोबार से बनाए पैसों से उसने अपने लड़के के नाम से चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया और फिर ग्लोकल यूनिवर्सिटी शुरू की।

खनन माफिया हाजी इकबाल बीएसपी में रहते हुए एमएलसी बना और उसने यूपी के साथ ही भारत के अन्य हिस्सों में कारोबार को बढ़ाया और फिर धीरे-धीरे विदेशों में भी कारोबार को फैला दिया। राजनीतिक हनक और अकूत दौलत के दम पर उसे बीएसपी सरकार के दौरान कौड़ियों के दाम जमीनें खरीदी। उसने चीनी मिलों को खरीदा और अपना साम्राज्य फैलाता चला गया। समाजवादी पार्टी के समय भी उसका जलवा बरकरार रहा।

बीजेपी सरकार आने के बाद आया बुरा समय

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद इकबाल उर्फ हाजी इकबाल पैसे बटोरता रहा। संपत्ति बनाता रहा। 10 सालों में अकूत दौलत इकट्ठी करने के बाद साल 2017 में यूपी की सत्ता बदली। सपा-बसपा राजनीतिक शिखर से ढलान की ओर जाने लगे और हाजी इकबाल के बुरे दिन आने शुरू हो गए। साल 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद इन्हीं संपत्तियों पर जाँच बैठ गई और वह जाँच करीब 4 साल तक चली। उस समय सहारनपुर में एसएसपी आकाश तोमर पदस्थ थे, जिन्होंने सबसे पहले 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति को कुर्क किया था। इसके कुछ समय बाद 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर कार्रवाई की गई।

धीरे-धीरे मोहम्मद इकबाल और उसके परिवार के खिलाफ लोगों को धमकाने व अवैध कब्जा करने और अवैध खनन करने व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हुए। इसमें इकबाल को अरेस्ट करने का आदेश जारी हो गया। इकबाल को गिरफ्तार किया जाता, उससे पहले ही साल 2022 में इकबाल इंडिया छोड़कर दुबई चला गया।

सरकार ने एक्शन लेते हुए इकबाल के कई मकानों पर बुलडोजर चला दिया। कई पर नोटिस चस्पा कर कब्जे में ले लिया। धीरे-धीरे इकबाल की पूरी फैमिली संकट में आ गई। इकबाल के बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जो अभी जेल में हैं। अब ईडी ने इकबाल के बेटे के नाम पर चल रही ट्रस्ट की ग्लोबल यूनिवर्सिटी की 4440 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर कुर्क किया है। सहारनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि जैसे ही हमें कोई आदेश मिलेंगा, उसके आधार पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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