गोपालगंज में साम्प्रदायिक व सारण में जातीय तनाव के बाद अब बिहार के मुजफ्फरपुर से एक DPO (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) के लापता होने की खबर है। गायब हुए अधिकारी का नाम राजेश कुमार मिश्रा है जो मधुबनी जिले में तैनात थे। राजेश की पत्नी ने उनके अपहरण की FIR दर्ज करवाई है। 59 वर्षीय लापता DPO के परिजनों के मुताबिक, रविवार (5 जनवरी 2023) की दोपहर से उनका कुछ भी अता-पता नहीं है। वहीं पुलिस का कहना है कि DPO को किसी वीडियो के सहारे पैसों के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा था। फ़िलहाल मामले की जाँच की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला अहियापुर थानाक्षेत्र के ग्राम अयाची का है। यही पर DPO अपने परिवार के साथ रहते हैं। सोमवार (6 फरवरी 2023) को उनकी पत्नी अर्चना ने थाने में पहुँच कर उनके अपहरण होने की आशंका जताई। पुलिस ने केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। अर्चना ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि मधुबनी में पोस्टेड उनके पति रविवार को छुट्टी होने के चलते शनिवार को घर आए थे। उनके घर में सब सही चल रहा था और उनके पति का घर, मोहल्ला और ऑफिस मिला कर किसी से कोई विवाद भी नहीं था।
अर्चना के मुताबिक, रविवार को उनके पति दोपहर को अकेले ही घर से बाहर निकले लेकिन अब तक लौट कर वापस नहीं आए।
DPO की पत्नी ने यह भी बताया कि पुलिस ने उनके पति को खोजने में समय लगने की बात कही है। CCTV कैमरे में राजेश मिश्रा घर से मुख्य सड़क की तरफ जाते दिखाई दे रहे हैं। वहीं DSP राघव दयाल के मुताबिक DPO को पिछले कुछ समय से कोई किसी वीडियो के नाम पर पैसे के लिए ब्लैकमेल कर रहा था। बताया गया कि DPO ने ब्लैकमेल करने वाले को कुछ पैसे भी भेजे थे। पुलिस का कहना है कि राजेश कुमार दबाव में भी थे। पुलिस के मुताबिक, मामले में जाँच की जा रही है।
कुछ खबरों में ये भी कहा जा रहा है कि अधिकारी को सेक्सटॉर्शन गिरोह ने निशाना बनाया था। आशंका है कि ये साइबर फ्रॉड का मामला है, जिसके तहत उन्हें ब्लैकमेल कर के उनसे कई बार रुपए ऐंठे गए थे। इसीलिए, पुलिस उनके बैंक खाते के डिटेल्स भी खँगाल रही है। उन्होंने दोपहर में घर से निकलने से पहले अपने इंजिनियर बेटे के साथ भोजन भी किया था। बीबीगंज उनका अंतिम मोबाइल लोकेशन बता रहा है। उनका सरकारी और निजी – दोनों फोन नंबर फ़िलहाल ऑफ है। फ़िलहाल फिरौती की कोई माँग भी नहीं की गई है।