देश के अलग-अलग हिस्सों में ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर केंद्र सरकार विरोधी आंदोलन चला रहे प्रदर्शनकारियों की गुंडई अब बढ़ती ही जा रही है। राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित पदमपुर में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में कुछ किसान प्रदर्शनकारी पहुँच गए और एक महिला के साथ बदसलूकी की। उधर पंजाब के राजपुरा में एक भाजपा पार्षद की पिटाई की गई। उन पर पत्थरों से हमला किया गया।
पदमपुर की बात करें तो यहाँ की बैठक में भाजपा के जिला प्रभारी को ही जाने से प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया। इस दौरान वो लगातार भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करते रहे। एक महिला नेता को धक्का देकर उनके कपड़े खींचने की कोशिश की गई। जब उन्हें बचाने के लिए कुछ भाजपा कार्यकर्ता आगे आए तो उनकी लाठी-डंडों से पिटाई की गई। ये प्रदर्शनकारी केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध करते हुए भाजपा की बैठक स्थल पर आ धमके थे।
किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा और वामपंथी दलों ने मिल कर इस तरह की हरकतें की। पहले इन लोगों ने लोकतांत्रिक प्रदर्शन की बात कही, लेकिन कुछ देर बाद इतने उग्र हो गए कि हिंसा पर उतारू हो गए। प्रदर्शनकारी युवकों ने काला झंडा ले रखा था। महिला कार्यकर्ता को अंदर घुसने से रोका गया, धक्का दिया गया, हाथ पकड़ कर खींचे गए और कपड़े खोलने की कोशिश हुई। इस दौरान लगातार गाली-गलौज की भाषा का उपयोग भी किया जा रहा था।
#WATCH | Punjab: A stone was thrown at BJP leader Bhupesh Aggarwal as he was being assisted by Police in Rajpura.
— ANI (@ANI) July 11, 2021
Farmers had gheraoed a BJP worker’s residence in Rajpura where Aggarwal was attending a meeting yesterday. pic.twitter.com/TrBDGnyrUz
उक्त महिला कार्यकर्ता को बचाने में कई भाजपा नेता घायल हुए। जिला प्रभारी व नोखा विधायक बिहारीलाल विश्नोई पुलिस संरक्षण में बैठक में पहुँचे थे, लेकिन उनके साथ भी धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने भी हिंसा को देखते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को बैठक में जाने से रोक दिया। बाद में पिछले दरवाजे से उन्हें भीतर भेजा गया। करीब एक घंटे तक ये व्यवधान जारी रहा, तब कहीं जाकर बैठक शुरू हो सकी।
राजपुरा की घटना की बात करें तो यहाँ एक भाजपा पार्षद की जम कर न सिर्फ पिटाई की गई, बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ डाले गए। अनाज मंडी के पीछे भारत विकास परिषद भवन में भाजपा की बैठक थी, जिसकी सूचना पर ये ‘किसान’ प्रदर्शनकारी वहाँ पहुँचे थे। अन्य भाजपा नेताओं को भी किसी तरह वहाँ से निकाला गया। दो भाजपा नेताओं को लात-घूसे मारे गए। भाजपा ने जन-प्रतिनिधियों पर हमले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की माँग की है।
पंजाब में आतंकवाद से भी बुरा दौर है ।सैंकड़ों की भीड़ तलवारों से लैस , ऐसिड की बोतलें ले कर हमें भाजपा के एक कार्यकर्ता के घेर के खड़ी है । पर ना हम आतंकवाद से डरे थे ना हम इनसे डरते हैं । भाजपा का परचम लहराता रहेगा@AmitShah @blsanthosh @AshwaniSBJP @dushyanttgautam @DrSubhash78 pic.twitter.com/KKnUEYN516
— BJP PUNJAB (@BJP4Punjab) July 11, 2021
वहीं किसान संगठनों का कहना है कि भाजपा नेताओं की बैठकों का बहिष्कार किया गया है क्योंकि दिल्ली बार्डर पर भाजपा सरकार के अड़ियल रुख की वजह से कई किसानों की मौत हो चुकी है। इन संगठनों ने भाजपा की बैठक को ‘जले पर नमक छिड़कना’ जैसा बताया। भाजपा की प्रेसवार्ता की खबर सुन लायंस क्लब में भी ये प्रदर्शनकारी पहुँच गए। भाजपा का कहना है कि पुलिस को सूचित किए जाने के बावजूद सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए गए थे।
राजपुरा में भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेश अग्रवाल तक को नहीं छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी 500 की संख्या में थे। उन्होंने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों से मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जानबूझ कर गलत साइड में भेजा गया। उन्होंने कहा कि उनका जीवन खतरे में था, लेकिन पुलिस जानबूझ कर बैठी रही। वहीं पुलिस का कहना है कि उसने 100 जवान लगा रखे थे। किसान संगठनों ने संसद के बाहर भी प्रदर्शन की योजना बना रखी है।