Monday, December 23, 2024
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‘राजनीतिक दल दूर रहें’ से ‘सभी पार्टियाँ हमारा समर्थन करें’ तक कैसे पहुँच गए जंतर-मंतर पर जुटे पहलवानः जानिए सब कुछ

बता दें कि पहलवानों का यह धरना पहले जनवरी में हुआ था उसके बाद इसकी शुरुआत फिर से अप्रैल में हुई। इस अंतराल में बजरंग पूनिया का बयान बदल गया है। पहले उन्होंने अपने धरने से किसी भी राजनीतिक दल को दूर रहने को कहा था। मगर अब वह सबका स्वागत कर रहे हैं।

भारतीय पहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। विनेश फोगाट और 7 अन्य पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने की माँग को लेक सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका में माँग है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई हो।

इस मामले पर बजरंग पूनिया का भी बयान सामने आया है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि आकर उनके धरना प्रदर्शन को सपोर्ट किया जाए। बजरंग पूनिया ने कहा,

“हम सभी का समर्थन लेने के लिए तैयार हैं, भले ही यह राजनीतिक हो। अब की बार सबका वेलकम है, चाहे बीजेपी आए, कॉन्ग्रेस आए या आम आदमी पार्टी आए, कोई भी पार्टी आए सबका वेलकम है, क्योंकि जब हम मेडल जीते तो किसी पार्टी का झंडा नहीं लेते तिरंगा लेते हैं और जो बधाई देते हैं वो भी एक पार्टी के नहीं होते। अब किसी एक पार्टी से नहीं जुड़े। हम सभी देशवासियों से जुड़े हैं। सब आइए साथ देने। अगर हम अपनी बहन-बेटियों के लिए नहीं लड़े तो फिर कभी किसी के लिए नहीं लड़ सकते।”

बता दें कि पहलवानों का यह धरना पहले जनवरी में हुआ था उसके बाद इसकी शुरुआत फिर से अप्रैल में हुई। इस अंतराल में बजरंग पूनिया का बयान बदल गया है। पहले उन्होंने अपने धरने से किसी भी राजनीतिक दल को दूर रहने को कहा था। तब इनके समर्थन में कम्युनिस्ट पार्टी की वृंदा करात भी आईं थी और बजरंग पूनिया ने उन्हें मंच से उतारकर कहा था कि वो इस धरने को राजनैतिक नहीं बनाना चाहते। इस बार वो कह रहे हैं कि चाहे भाजपा हो कॉन्ग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी…हर कोई उनके समर्थन में आ सकते हैं।

पूरा घटनाक्रम

  • तीन महीने पहले 18 जनवरी 2023 को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और पहलवानों के बीच का एक विवाद सामने आया।
  • विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए । उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण, तानाशाही-मनमानी, अपशब्दों का इस्तेमाल, मानसिक प्रताड़ना देना और धमकाना जैसे आरोप लगाए।
  • पहलवानों की सीधी माँग की कि कुश्ती महासंघ को भंग किया जाए और बृजभूषण शरण सिंह से इस्तीफा लेकर उन्हें जेल भेजा जाए।
  • पहलवानों की माँग देखते हुए 19 जनवरी को शास्त्री भवन में खेल मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने बुलवाया। यहाँ पहलवान रवि दहिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बबीता फोगाट की मुलाकात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से हुई।
  • खेल मंत्री से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। उल्टा पहलवान प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे। उन्होंने कहा कि वो पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं।
  • 20 जनवरी को विवाद देखते हुए भारतीय ओलंपिक संघ आगे आया और उनके द्वारा WFI प्रमुख के खिलाफ 7 सदस्यीय टीम गठित की गई। इसमें मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ता को रखा गया। इसकी टीम की अध्यक्ष मैरी कॉम को बनाया गया।
  • इधर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी समस्या का समाधान करने के लिए डीजी सीआई संग बैठक की। फिर 7 घंटे तक उनकी मीटिंग पहलवानों के साथ चली।
  • बैठक के बाद ओवरसाइट कमेटी बनाई गई, जिसका अध्यक्ष भी मैरीकॉम को बनाया गया। टीम में लिंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल थे। बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया।
  • खेल मंत्री ने पहलवानों को आश्वासन दिया कि उनके साथ न्याय होगा। 21 जनवरी को प्रदर्शन समेट लिया गया।
  • विवाद के करीबन 55 दिन बाद एक खबर आई कि खेल मंत्री द्वारा बनाई गई ओवरसाइट कमेटी जल्द मंत्रालय को रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि  WFI अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाने वाले रेसलर्स कमेटी को अपने आरोपों का सबूत नहीं पाए।

    सूत्रों के नाम पर आई दैनिक भास्कर की खबर में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि ऑपइंडिया नहीं करता। पहलवान बजरंग पूनिया का कहना है कि उन्हें कमेटी ने कभी नहीं बताया कि रिपोर्ट सबमित हुई या नहीं।
  • पहले प्रदर्शन के करीबन 95 दिन बाद एक बार फिर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की माँग हो रही है। इस बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर हो, उन्हें जेल भेजा जाए। इस संबंध में महिला आयोग से भी पहलवानों ने गुहार लगाई।
  • प्रदर्शन के शुरू होने के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने गठित जाँच समिति से 24 अप्रैल को एक रिपोर्ट माँगी।
  • खेल मंत्रालय ने चुनावों को लेकर कहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ एक एड-हॉक कमेटी बनाएगा। ये कमेटी 45 दिनों में कुश्ती महासंघ के चुनाव कराएगी। कमेटी ही खिलाड़ियों का चुनाव करेगी और साथ ही रोजमर्रा के कामों पर नजर रखेगी।
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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