उत्तर प्रदेश सरकार जीवन दायिनी गंगा के भव्य स्वागत की तैयारी कर रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार पवित्र गंगा आरती को अब बड़े पैमाने पर शुरू करने जा रही है। योगी सरकार ने घोषणा की है कि काशी, प्रयाग समेत उत्तर प्रदेश के करीब 1100 स्थानों पर भव्य तरीके से गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा।
योगी सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, बिजनौर से बलिया तक योगी सरकार 1038 नए आरती चबूतरों का निर्माण करने जा रही है। नमामि गंगे विभाग की अगुआई में गंगा के दोनों किनारों पर बसे लगभग हर गाँवों और शहरों को नए आरती स्थल के तौर पर चुना गया है।
सरकार के अनुसार, बिजनौर से लेकर बलिया तक गंगा के 5 किलोमीटर के दायरे में दोनों किनारों पर बसे 1038 गाँवों में नए आरती स्थलों के निर्माण की प्रक्रिया जल शक्ति मंत्रालय के नेतृत्व वाली नमामि गंगे विभाग पर्यटन विभाग के सहयोग से शुरू की जाएगी। नए आरती स्थलों को जन सहभागिता के आधार पर संचालित किया जाएगा। आरती चबूतरों पर रोज तय समय पर गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल दिसंबर में जल विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में निर्देश दिया था कि इन गाँवों में सभी प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का दोबारा से नव निर्माण किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि गंगा आरती को गाँव और कस्बों से जोड़ कर योगी सरकार गंगा स्वच्छता अभियान को सबसे बड़े जन अभियान का रूप देना चाहती है। इस अभियान के जरिए राज्य सरकार युवा पीढ़ी के बीच अपनी संस्कृति के प्रति लगाव और खास तौर से जीवन दायिनी गंगा से जुड़ाव को और मजबूत करना चाहती है।
गंगा (नमामि गंगे मिशन) को स्वच्छ बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंगा की स्वच्छता के लिए भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार ने पुष्टि की है कि प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में निर्माणाधीन 62 एसटीपी भी जल्द ही तैयार हो कर गंगा के साथ ही अन्य नदियों की स्वच्छता अभियान से जुड़ जाएँगे। नमामि गंगे विभाग के मुताबिक निर्माणाधीन 62 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 1522 एमएलडी होगी। 16 MLD अभी निर्माणाधीन है और उसे जल्द ही राज्य में 14 नए जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट कैपेसिटी को बढ़ावा देने के लिए जोड़ा जाएगा।
नए ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो जाने के बाद कुल एसटीपी से लैस जिलों की संख्या यूपी में 41 हो जाएगी। फिलहाल उत्तर प्रदेश में कुल 104 एसटीपी संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 3298.84 एमएलडी है। नए एसटीपी मिलने के बाद जल शक्ति मंत्रालय गंगा में भारी मात्रा में गिरने वाले रासायनिक और दूषित पानी को बड़ी तादाद में रोकने में सफल होगा।