चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिम बजट में ही घुमन्तु और भिखारियों के पुनर्वास के प्रति अपनी योजना और चिंता का खुलासा किया था। शुरुआत कर दी है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने भिखारियों के पुनर्वास के लिए नए सिरे से प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ नगर निगम को 45 दिनों के अंदर भिखारियों का पुनर्वास करने को कहा है। नगरपालिका आयुक्त ने कहा कि लखनऊ नगर निगम इन भिखारियों के लिए आश्रयगृहों में पानी, बिस्तर की चादर और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, “हम एक सर्वेक्षण कराने की प्रक्रिया में हैं और एक बार यह पूरा हो जाए तो हम भिखारियों को 45 आश्रयगृहों में भिजवा देंगे।” शारीरिक रूप से अक्षम भिखारियों को आश्रयगृहों में रखा जाएगा, जबकि सक्षम को नागरिक कर्तव्य सौंपे जाएँगे, ताकि उन्हें जीविकोपार्जन का अवसर मिले जिससे वह भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। उन्होंने कहा कि शारीरिक रूप से स्वस्थ भिखारियों के पुनर्वास के लिए शहर के 5.8 लाख घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को दैनिक स्वच्छता कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जैसे कि कचरा इकठ्ठा करना, नालियों की सफाई और सड़कों की सफाई आदि।
बता दें कि लखनऊ नगर निगम ने निर्णय लिया है कि पुनर्वासित भिखारियों को उनके द्वारा वसूले गए यूजर चार्ज का 10 से 20 प्रतिशत तक रकम दी जाएगी। इसके अलावा दैनिक स्वच्छता कार्यों में लगाए गए बाकी लोगों को 300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी की बात कही जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह वही राशि है, जो संविदाकर्मियों को दी जाती है।