मीडिया पोर्टल ‘यूथ की आवाज़ (Youth Ki Awaaz)’ ने एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें रामायण व अन्य हिन्दू साहित्य में महिलाओं के साथ भेदभाव किए जाने का दावा किया गया था। इसके बाद ‘हिन्दू आईटी सेल (Hindu IT Cell)’ ने उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। लेकिन, अब YKA ने न सिर्फ अपनी करतूतों के लिए माफ़ी माँगी है, बल्कि उस लेख को भी हटा दिया है।
जिस लेख को लेकर ये बवाल हो रहा है, उसे ‘यूथ की आवाज’ ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर भी डाला था। सका शीर्षक था, “मैंने अपने 80 साल के दादा को हिंदू साहित्य में लिंगभेद (Sexism) दिखाया।” इस लेख को मृत्तिका मलिक ने लिखा था। साथ ही इसमें रामानंद सागर की धारावाहिक ‘रामायण’ के राम-सीता की तस्वीर भी लगाई गई थी। लेकिन, अब साइट और सोशल मीडिया से इसे हटा दिया गया है।
‘हिंदू आईटी सेल’ ने अपने बयान में कहा है कि चूँकि अब YKA ने माफी माँग ली है, इसीलिए उनके खिलाफ कानूनी रास्ता नहीं अपनाया जाएगा। संगठन ने कहा कि हमारा संदेश स्पष्ट है – हम ऐसी किसी भी एक्टिविज्म को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाता हो या फिर हमारे धर्म का मजाक उड़ाता हो। ‘हिंदू आईटी सेल’ ने इसे हटाने के लिए YKA को 5 घंटे का समय दिया था।
Finally, @YouthKiAwaaz has apologised and accepted their mistake. So we have decided not to go ahead with legal recourse against them.
— Hindu IT Cell (@HinduITCell) October 10, 2021
Our message is loud and clear, we will not tolerate any sort of activism or mockery which hurts our religious sentiments.
जय श्री राम || pic.twitter.com/j2j7jwOMZw
‘यूथ की आवाज़’ ने इस पर सफाई देते हुए कहा, “आईटी एक्ट का अनुच्छेद-79 के तहत ‘यूथ की आवाज’ सिर्फ एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। ये एक ओपन प्लेटफॉर्म है, जहाँ लोग खुद ही अपना कंटेन्ट प्रकाशित करते हैं। हम समझ रहे हैं कि इस पोस्ट से आपकी भावनाओं को ठेस पहुँची है। हम इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल्स से इसे वापस लेते हैं। धन्यवाद।” इसके बाद ये पोस्ट डिलीट कर दी गई।
‘यूथ की आवाज’ द्वारा माफी माँगने के बाद ‘हिंदू आईटी सेल’ के संस्थापक सदस्य अक्षित सिंह ने कहा कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का चोला ओढ़ कर किए जाने वाले इस तरह के एक्टिविज्म को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठन के संस्थापक रमेश सोलंकी और विकास पांडेय ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी भावनाओं को ठेस पहुँचाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाया जाएगा।