भारत से भाग कर मलेशिया में छिपा है इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक। वो वहीं से वीडियो संदेश जारी करता है। भारत में संप्रदाय विशेष के दिग्भ्रमित लोग यहाँ के अपने ही संप्रदाय के पढ़े-लिखे प्रोफेसरों या स्कॉलरों से सवाल-जवाब के बजाय भगोड़े जाकिर नाइक पर विश्वास करते हैं। इस्लामी किताबों का हवाला देकर वो ऐसे ही लोगों को भड़काने का काम करता है।
जाकिर नाइक ने 21 अगस्त 2020 को यूट्यूब पर अपना एक वीडियो अपलोड किया। भारत के प्रति इस इंसान की क्या सोच है, इस वीडियो से जाहिर होती है। वीडियो की शुरुआत भारत के अब्दुर्ररहमान के सवाल से होती है।
अब्दुर्ररहमान पूछता है – “अभी के भारत में रहना संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए कठिन हो गया है। सत्ता पार्टी के द्वारा शायद अल्लाह हमारी परीक्षा लेना चाहता है। हमें ऐसे हालात में क्या करना चाहिए, जहाँ झूठे केसों में फँसा कर कई लोगों को UAPA में जेल में डाल दिया गया?”
जाकिर नाइक इस सवाल के जवाब में क्या-क्या जहर उगलता है, 17 मिनट 50 सेकंड का यह वीडियो उसी को दर्शाता है। नीचे उन हिस्सों का जिक्र आपको मिलेगा, जहाँ भगोड़े जाकिर ने जहर उगला है। पाठक की सुविधा के लिए टाइम सहित जानकारी ब्रैकेट में दी गई है।
2 मिनट 10 सेकंड से लेकर 2 मिनट 35 सेकंड तक
पिछले 4-6 साल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। संप्रदाय विशेष के लोगों की मॉब लिंचिंग हुई है। उनके लिए जीना तक दूभर हो गया है भारत में। जबकि सच्चाई यह है कि ऐसे एक भी मामले में पुलिस ने अभी तक कोर्ट में पुख्ता सबूत पेश नहीं किए हैं।
5 मिनट 30 सेकंड से लेकर 8 मिनट 20 सेकंड तक
2011 की जनसंख्या के अनुसार इस्लाम मानने वाले 14.2% हैं। और करीब 2 साल पहले भारत की सरकार ने कहा कि वहाँ 20 करोड़ से ज्यादा इस्लाम धर्म के हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि वो असम, बंगाल के संप्रदाय विशेष को संख्या मान ही नहीं रहे होंगे।
अनुमान से भारत में करीब 25 करोड़ से लेकर 30 करोड़ तक इस्लाम मानने वाले हैं। सरकार इस आँकड़े को दबाती है। लोग इंडोनेशिया को सबसे ज्यादा इस्लामी आबादी वाला देश मानते हैं लेकिन मेरे अनुसार भारत दुनिया का सबसे ज्यादा इस्लामी आबादी का देश है।
इसी आबादी में हल छुपा है। भारत में संप्रदाय विशेष के लोगों को सिर्फ एक पार्टी बनानी चाहिए, ऐसी पार्टी जो सिर्फ उनकी हो। इस पार्टी को दलितों से हाथ मिलाना चाहिए, जिनकी संख्या भारत में करीब 30 करोड़ है।
इस तरह से हम करीब 60 करोड़ की संख्या हो जाएँगे। क्योंकि दलित हिंदू नहीं हैं, उन्हें सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू की श्रेणी में रखा जाता है।
13 मिनट से लेकर 16 मिनट 10 सेकंड तक
अगर किसी को इस्लाम का पालन करने में दिक्कत हो रही है तो उसे हिजरा (पलायन) करना चाहिए इस्लामिक देश में। लेकिन सारे लोग भारत से हिजरा कर जाएँ, यह समाधान नहीं है। समाधान हमारी राजनीतिक एकता है।
लेकिन एक राज्य से दूसरे राज्य में भी हिजरा किया जा सकता है, जहाँ संप्रदाय विशेष के लोगों को लेकर सोच अच्छी है। केरल ऐसा एक राज्य है। केरल में हिंदू भी एक तिहाई हैं, मुस्लिम भी एक तिहाई और ईसाई भी एक तिहाई हैं। केरल के लोग धर्मांध भी नहीं हैं।
भारत की सरकार केरल में राजनीतिक रूप से बहुत सशक्त भी नहीं है। इसलिए दूसरे राज्य में हिजरा करना है तो केरल सबसे बढ़िया है। बॉम्बे (मुंबई) और हैदराबाद भी कम कम्युनल हैं। कुछ हद से ज्यादा कम्युनल हैं, जैसे – उत्तर प्रदेश।
एक राज्य से दूसरे राज्य में हिजरा के अलावा एक ही राज्य के कम कम्युनल शहर में या एक ही शहर के ज्यादा सेफ जगह या कॉलनी में भी हिजरा कर सकते हैं। जैसे मुंबई में डोंगरी या बायकला सबसे सेफ है, जहाँ 80-90 प्रतिशत आबादी संप्रदाय विशेष के लोगों की है।
अंत में जाकिर नाइक कहता है कि अगर संप्रदाय विशेष के लोग राजनीतिक तौर पर, धार्मिक तौर पर एक हो जाएँ तो इनका पुराना गौरव लौट आएगा। गौरव कौन सा, यह नहीं बताया भगोड़े ने।
कुछ दिन पहले जाकिर नाइक के बेटे का भी वीडियो आया था। उसका नाम फरीक जाकिर नाइक है। उसका कहना है कि अल्लाह नॉन-इस्लामियों पर भी दया करते हैं क्योंकि उन्होंने उन लोगों को भोजन और घर दिया है। उसने कहा कि पानी या हवा, ये सब नॉन-इस्लामियों को भी दिया गया है। अल्लाह उस पर भी दया करते हैं। अल्लाह लोगों तक खुद ये संदेश पहुँचाते हैं कि हर एक बच्चा इस्लाम धर्म में ही जन्म लेता है, उसे बाद में हिन्दू या ईसाई बना दिया जाता है।