रेस्टॉरेंट एग्रीगेटर और फ़ूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने अपने एक कस्टमर केयर कर्मचारी को फायर कर दिया, क्योंकि उसने कहा था कि थोड़ी-बहुत हिंदी सभी को आनी चाहिए। विकास नाम के यूजर ने ट्विटर के माध्यम से कंपनी से शिकायत की थी। इसके बाद Zomato ने बयान जारी कर के सफाई दी। उक्त ग्राहक ने Zomato से रिफंड की माँग की थी, क्योंकि भोजन के मेनू में उसने जो ऑर्डर किया था, वो उसे नहीं मिला था।
इसीलिए, उसने कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बात की। कर्मचारी ने कहा कि वो रेस्टॉरेंट से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भाषा की बाधा के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा है। इस पर ग्राहक विकास ने कहा कि अगर Zomato तमिलनाडु में काम कर रहा है तो उसे ऐसे लोगों को हायर करना चाहिए, जो तमिल जानते हों। उसने किसी अन्य कर्मचारी को ट्रांसफर कर के अपने रिफंड की माँग की।
इस पर कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने लिखा, “आपको बता दें कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और सभी को इसकी थोड़ी-बहुत जानकारी होनी चाहिए।” इसके बाद उक्त कर्मचारी ने ग्राहक के साथ हुई गलती के लिए माफ़ी भी माँगी और इसे एक दुर्भाग्यशाली घटना बतया। विकास ने ट्विटर पर इस चैट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया और लिखा कि उक्त कर्मचारी तमिल नहीं जानता, इसीलिए मुझे झूठा बोल रहा है।
इसके बाद Zomato ने इस सम्बन्ध में बयान जारी कर के कहा कि वो अपने कस्टमर एजेंट के व्यवहार के लिए क्षमा माँगता है। उसने अपने बयान में कहा, “हमारी विविधता भरी संस्कृति को नजरअंदाज करने के लिए हमने उक्त कर्मचारी को हटा दिया है। हम अपने एजेंट्स को जिन संवेदनशीलता के लिए प्रशिक्षित करते हैं, ये व्यवहार इसके विपरीत था। ये हमारे प्रोटोकॉल्स के विरुद्ध था, इसीलिए हमने ये कार्रवाई की।”
Vanakkam Vikash, we apologise for our customer care agent's behaviour. Here's our official statement on this incident. We hope you give us a chance to serve you better next time.
— zomato (@zomato) October 19, 2021
Pls don't #Reject_Zomato ♥️ https://t.co/P350GN7zUl pic.twitter.com/4Pv3Uvv32u
अंग्रेजी और तमिल में जारी किए गए बयान में Zomato ने कहा, “हमारे कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने जो भी कहा, भाषा और विविधता के प्रति वो कंपनी की राय को नहीं दर्शाता। हम अपने एप का एक तमिल वर्जन भी बना रहे हैं। अनिरुद्ध रविचंद्र को हमने अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। हम अपना मार्केटंग कम्युनिकेशन यहाँ तमिल में ही कर रहे हैं। कोयम्बटूर में हम अपना लोकल कॉल सेंटर भी बना रहे हैं। हम जानते हैं कि भोजन और भाषा किसी भी स्थानीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसीलिए हम दोनों को गंभीरता से लेते हैं।”