Sunday, July 13, 2025

8 साल से पुरानी गाड़ी नहीं होगी टैक्सी सर्विस का हिस्सा, सीट के पीछे लगानी होगी अपनी जानकारी: ओला-ऊबर के लिए सरकार ने तय की नई गाइडलाइन, सरचार्ज पर भी लिया फैसला

केंद्र सरकार 1 जुलाई 2025 से ऊबर, ओला और रैपिडो जैसी कैब कंपनियों के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब इन कंपनियों को इसके साथ ही 8 साल से पुरानी गाड़ियों को टैक्सी सर्विस के लिए अनुमति नहीं मिलेगी। साथ ही ड्राइवर्स को अपनी पैसेंजर्स सीट के पीछे अपना लाइसेंस और गाड़ी की परमिट से जुड़ी जानकारियाँ लगानी होंगी ताकि यात्रियों को पता चले।

जानकारी के अनुसार, टैक्सी सर्विसेज अपने बेस किराए का दोगुना तक ले सकेंगी। पहले यह सीमा 1.5 गुना थी। वहीं, सामान्य समय में किराया बेस फेयर का कम से कम 50% रहेगा। सभी राज्यों को ये नियम तीन महीने में लागू करने होंगे।

बदले हुए नियमों के तहत सभी गाड़ियों में ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना जरूरी होगा। ड्राइवर के बिना ठोस वजह ट्रिप कैंसिल करने पर ₹100 तक का जुर्माना लगेगा। यात्री पर भी ये ही नियम लागू है। यह जुर्माना ड्राइवर और कंपनी दोनों को भरना होगा।

यात्रियों की सुरक्षा देखते हुए सभी ड्राइवरों को 40 घंटे की ट्रेनिंग लेनी होगी। इसमें मेडिकल जाँच और पुलिस वेरिफिकेशन भी शामिल है। तकनीक पर ध्यान देते हुए कैब ऐप हिंदी, अंग्रेजी और राज्य की अपनी भाषा में भी होने चाहिए।

ड्राइवरों को ₹5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस भी मिलेगा। कंपनियों को अपनी गाड़ियों में इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करने का लक्ष्य भी दिया गया है। ये सारे बदलाव ग्राहकों को सही दाम पर सेवा देने और ड्राइवरों के हित में किए गए हैं।