लोकसभा चुनाव 2019 किसी जंग के मैदान से कम नहीं। इस जंग में आए दिन ज़ुबान का बेलगाम होना मानो जैसे आम बात बन गई है। क्या बोलना है, कितना बोलना है, किसको बोलना है- इन सबका गिरता स्तर अब गर्त में जा चुका है। अपनी भड़ास निकालने के लिए प्रधानमंत्री और उस पद की गरिमा की धज्जियाँ उड़ाने में कॉन्ग्रेस ने अब कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ी।
कभी मोदी की माँ और पत्नी पर भद्दी टीका-टिप्पणियाँ की जाती हैं तो कभी ‘चौकीदार चोर है’ के जुमले से उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाया जाता है। कोई उनके ‘चमकते चेहरे’ का राज़ बताता फिरता है, तो कोई उन्हें ‘सांप, बिच्छू और नीच’ तक कह डालता है। कोई उनके ‘काले से गोरे रंग’ के बारे में उल-जलूल बातें बनाता है तो कोई उन पर ‘निजी हमलों की बौछार’ करते नहीं थकता।
बड़ा ही गंभीर प्रश्न है कि आख़िर यह कैसा लोकतंत्र है, जहाँ आए दिन हमलों का शिकार केवल देश का प्रधानमंत्री ही होता रहता है?
ताज़ा मामला कॉन्ग्रेस नेता विनय कुमार का है, जिन्होंने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर व्यक्तिगत हमला किया है। इस हमले में विनय कुमार ने उनके (पीएम मोदी और सीएम योगी) परिवार के सदस्यों की तुलना आवारा घूमते जानवरों से कर डाली। यह घटना उनके संसदीय क्षेत्र कैसरगंज का है जहाँ से वो चुनाव लड़ेंगे।
मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कॉन्ग्रेसी नेता विनय कुमार ने कहा कि जब लोग कार में बैठकर बाहर इन आवारा जानवरों को देखते होंगे तो कहते होंगे, ‘देखो, मोदी और योगी की चाची वहाँ बैठी हैं, कुछ कहते होंगे कि उनकी बहन बैठी है, कुछ कहते होंगे कि उनके पिता बैठे हैं और कुछ कहते होंगे कि उनकी माँ वहाँ लेटी हैं’।
अभी कुछ महीने पहले की ही बात है, कॉन्ग्रेसी नेता विलासराव मुत्तेमवार ने पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि ‘उनके पिता कौन हैं, ये कोई नहीं जानता’। इससे पहले अभिनेता से नेता बने राज बब्बर ने रुपए के गिरते स्तर की तुलना पीएम मोदी की माँ की उम्र से की थी। और तो और शशि थरूर ने तो पीएम मोदी को यहाँ तक कह डाला था कि, ‘उन्हें चप्पल नहीं मारी जा सकती क्योंकि वो शिवलिंग पर लिपटे बिच्छू की तरह हैं’।
#WATCH Shashi Tharoor in Bengaluru, says, “There’s an extraordinarily striking metaphor expressed by an unnamed RSS source to a journalist, that, “Modi is like a scorpion sitting on a Shivling, you can’t remove him with your hand & you cannot hit it with a chappal either.”(27.10) pic.twitter.com/E6At7WrCG5
— ANI (@ANI) October 28, 2018
इस तरह के घटिया निजी हमले आज से पहले कभी किसी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ नहीं किए गए, फिर आज मोदी के लिए इतनी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना कितना जायज़ है और क्यों?
ऐसी ही घटिया टिप्पणी कर्नाटक के कॉन्ग्रेसी नेता बी नारायण राव ने पीएम मोदी को ‘नामर्द’ कहकर की थी। कॉन्ग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने कहा था कि पीएम मोदी का मतलब मसूद, ओसामा, दाऊद, ISI है, जबकि यह पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद का मुँहतोड़ जवाब देने में पीएम मोदी कितने सक्षम और ताक़तवर हैं। इसका अंदाज़ा तो बीते दिनों हुई एयर स्ट्राइक से ही लगाया जा सकता है।
वैश्विक स्तर पर आज भारत जो वाहवाही बटोर रहा है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुरस्कृत किया जा रहा है, उसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री को न दिया जाए तो क्या ओछी और अभद्र भाषणबाज़ी करने वाले इन चाटुकारों को दिया जाए?
ऐसा प्रतीत होता है कॉन्ग्रेस और मोदी-विरोधी दल अपने ग़ुस्से पर क़ाबू पाने में पूरी तरह से असफल होते जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें ख़ुद ही नहीं मालूम होता कि वो कब क्या कह दें। अपने बिगड़ते और कुंठित मानसिक संतुलन के चलते वो बयानबाज़ी करते समय असल मुद्दों की बात करना तो पूरी तरह से भूल ही जाते हैं लेकिन अपनी वास्तविक पहचान का खुला प्रदर्शन कर जाते हैं। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इन विरोधियों की निराशा और हताशा अपनी सीमाओं को लाँघ चुकी है और अपनी किंकर्तव्यविमूढ़ परिस्थित से उबरने के लिए ग़लत बयानबाज़ियों और अमर्यादित टीका-टिप्पणियों के दलदल में लगातार धँसती ही जा रही है।
अब देखना होगा कि कॉन्ग्रेस और मोदी-विरोधी दल देश की जनता को भरमाने और मोदी ख़िलाफ़ उनकी बयानबाज़ी आख़िर क्या रंग लाती है। मेरा मानना है कि जनता मोदी-विरोधियों को इनकी टीका-टिप्पणियों के लिए सज़ा ज़रूर देगी, जिसके बाद ही शायद इनके बिगड़े मानसिक संतुलन का इलाज संभव हो पाएगा।