एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान ने पाकिस्तान समर्थित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगला है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान अपने एजेंटों द्वारा भारत के ख़िलाफ़ माहौल बनाने में लगा हुआ है। विदेशों में कई जगहों पर भारत के ख़िलाफ़ कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहाँ पाकिस्तानियों व उनके एजेंटों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसी तरह कई पाकिस्तानी एनडीटीवी की ख़बर शेयर करते हुए भारत के ख़िलाफ़ बातें करते हैं। इसी क्रम में लंदन में ‘The Cost to Britain of the Kashmir Crisis: Is There a Solution?’ नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान भी शामिल हुईं। लंदन में इस कार्यक्रम के आयोजक का नाम है- अब्दुर्रहमान चिनॉय, जो एक ब्रिटिश पाकिस्तानी व्यापारी है। वह ‘क्वीन मेरी पाकिस्तान सोसायटी ‘ का अध्यक्ष भी है। जिओ टीवी से बात करते हुए उसने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान में ब्रिटेन की भूमिका को तलाशना है। उसने कहा था कि इस कार्यक्रम में इस पर चर्चा की जाएगी कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों का विवाद सुलझाने ब्रिटेन क्या किरदार अदा कर सकता है?
चिनॉय ने लेबर पार्टी के सांसदों की उस राय का समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने भारत के आंतरिक मुद्दे में सीधा हस्तक्षेप करने की बात कही थी। कार्यक्रम में शामिल हुए एक अतिथि अशरफ चौहान ने ट्वीट कर के कार्यक्रम में शामिल होने पर ख़ुशी जताई। अब्दुर्रहमान ने भी उस ट्वीट का जवाब दिया और उनका आयोजन में आने के लिए शुक्रिया अदा किया।
यूके के पूर्व एनएसए लयल ग्रांट ने इस कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार की कार्रवाई से कश्मीर में कट्टरवाद को बढ़ावा मिल रहा है और इससे ब्रिटेन की सुरक्षा पर सीधा असर पड़ रहा है, क्योंकि यूके में 10 लाख से भी अधिक कश्मीरी रहते हैं। ग्रांट ने जम्मू-कश्मीर में यूके द्वारा सीधा हस्तक्षेप की बात की। इस कार्यक्रम में यूएन में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि रहीं मलीहा लोधी भी शामिल हुईं। वहीं, आतंकी संगठन जेकेएलएफ ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि निधि राजदान के रूप में इस मंच पर एक ‘कश्मीरी आवाज़’ भी मौजूद था। जेकेएलएफ यासीन मलिक का संगठन है, जो अभी तिहाड़ जेल में बंद है। इस आतंकी संगठन को यूएपीए के तहत भारत ने प्रतिबंधित कर रखा है।
2n Nidhi … a person who has never been accused of either perspicacity or intellect …. attended a Bajwa & Pak army sponsored event in London & was acknowledged by the JKLF as a genuine Kashmiri voice. Lesson? Never attribute to malice what you can to stupidity pic.twitter.com/BF0HvspB11
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 11, 2019
जेकेएलएफ ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए इसके आयोजकों व अतिथियों की प्रशंसा की। निधि राजदान ने आरोप लगाया कि भारत ने अनुच्छेद 370 को लेकर कश्मीरी जनता की राय नहीं ली और पूरे राज्य में संचार- व्यवस्था ठप्प कर दी गई है। निधि राजदान ने कहा कि भारत दावा करता है कि यह सब जम्मू-कश्मीर के भले के लिए है। एनडीटीवी इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रोपगेंडा फैलाता रहा है।
अब निधि राज़दान ने इस ख़बर को लेकर अपनी सफाई दी है। निधि ने कहा कि उन्होंने उस कार्यक्रम में पाकिस्तान की आलोचना की और कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया। निधि ने दावा किया कि उन्होंने उस कार्यक्रम में पाकिस्तान पर आतंक फैलाने का भी आरोप लगाया। निधि ने यह भी कहा कि ट्रॉल्स उन्हें परेशान कर रहे हैं।
2) Kashmiri Pandits were killed as part of a drive for the Islamisation of Jammu and Kashmir. Nearly the entire population of kashmiri pandits were forced out of the Valley. That included my grandparents and other relatives.
— Nidhi Razdan (@Nidhi) November 11, 2019
यह पहला मौका नहीं है जब कश्मीर को लेकर एनडीटीवी विवादों में आया है। पुलवामा हमले के बाद एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार ने जर्मन मीडिया हाउस डॉयचे वेले को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारतीय मीडिया बेरोजगारी जैसे मसलों की बजाए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को तूल दे रही है ताकि सत्ताधारी दल को चुनावी फायदा हो सके। पुलवामा हमले के बाद ही एनडीटीवी की डिप्टी एडिटर निधि सेठी ने फेसबुक पोस्ट से जैश को महिमामंडित किया था। हैशटैग #HowstheJaish के साथ वीरगति को प्राप्त हुए जवानों का मजाक उड़ाते हुए टिप्पणी की।