पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की है। इसमें कई ऐसे बड़े क़दम शामिल हैं जिनसे ये स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री की अगुआई में चल रही केंद्र सरकार बड़ी ही मुस्तैदी के साथ पाकिस्तान को जवाब देने की जुगत में है।
अपने इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी आज विज्ञान भवन में शांति स्वरूप भटनागर प्राइज के लिए पहुँचे। वहाँ उन्होंने अपने संबोधन में सीधे और सरल शब्दों में कहा कि अभी-अभी एक पायलट प्रोजेक्ट पूरा हुआ है जो एक प्रैक्टिस थी, लेकिन रियल अभी बाक़ी है। उनके इन शब्दों को अगर एक फ़िल्मी डॉयलॉग से जोड़कर देखें तो वो ये होगा, ‘ये तो ट्रेलर था, लेकिन पिक्चर अभी बाक़ी है’। पीएम मोदी के संबोधन में छिपा संदेश पाकिस्तान के लिए था जिसमें पायलट प्रोजेक्ट का ज़िक्र हाल ही में की गई एयर स्ट्राइक के लिए था और पूरी तरह से सबक सिखाने का मतलब रियल एक्शन से है। यानि अगर आतंकवाद को पालने वाले अपनी हरक़त से बाज नहीं आए तो उसका ख़ामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे पाकिस्तान।
अभी-अभी एक ‘पायलट प्रोजेक्ट’ पूरा हो गया।
— BJP (@BJP4India) February 28, 2019
अभी रियल करना है, पहले तो प्रैक्टिस थी: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi pic.twitter.com/Gn8a1JsBgX
आज यह बात सभी जानते हैं कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है न सिर्फ़ भारत के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी। इसमें एक बात तो सर्वविदित है कि पाकिस्तान आतंकवाद को न सिर्फ़ पनाह देता है बल्कि अपनी छत्रछाया में आतंकियों को फलने-फूलन के पूरे अवसर भी उपलब्ध कराता है। पाकिस्तान का यह डर ही था कि उसने भारत के डर से LOC के पास से आतंकियों के लॉन्च पैड्स खाली करा लिए थे। 26 फ़रवरी को भारत की ओर से हुए एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपने गढ़ में छिपे आतंकवादियों को रावलपिंडी से बहावलपुर में छिपने का रास्ता दिखाया, ये भी पाकिस्तान के थर्रा जाने का साक्षात दर्शन है।
पुलवामा हमले के दौरान 40 भारतीय जवानों के हिस्से आई वीरगति समूचे देश के लिए अविस्मरणीय है। अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए भारत की ओर से प्रतिक्रियात्मक गतिविधियों में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति को स्पष्ट कर दिया। सत्ता पर आसीन होते ही पीएम मोदी ने देश-दुनिया को यह चेता दिया था कि सीमापार से संचालित आतंकी गतिविधियों के ख़िलाफ़ हमारी नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं।
14 फरवरी को पाकिस्तान के छद्म वार की जहाँ देश और दुनिया में कड़ी आलोचनाएँ हुईं वहीं भारत के प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था कि पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले दुनिया के किसी भी कोने में नहीं छिप सकते, उनका बच पाना नामुमकिन है।
#WATCH PM Modi says, “Main aatanki sangathanon ko kehna chahta hun ki woh bahut badi galti kar chuke hain, unko bahut badi kemaat chukani padegi.” pic.twitter.com/XBL9YLZrVC
— ANI (@ANI) February 15, 2019
#WATCH PM Narendra Modi pays tribute to CRPF soldiers who lost their lives in #PulwamaTerrorAttack, says, “logon ka khoon khaul raha hai, yeh main samajh raha hun. Humare suraksha balon ko purn swatantra de di gayi hai.” pic.twitter.com/kxdCIKe88q
— ANI (@ANI) February 15, 2019
प्रधानमंत्री ने अपनी कथनी और करनी में भेद न करते हुए देश की जनता को यह दिखा दिया कि उन्हें वास्तव में देश के हित-अहित की चिंता है। इसी का नतीजा एयरस्ट्राइक के रूप में पूरी दुनिया ने देखा। पीओके में भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक की कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने तो ध्वस्त हुए ही साथ ही वायु सेना ने अपने मात्र 12 मिराज-2000 विमानों ने चंद मिनटों में 300 से अधिक आतंकियों को भी मार गिराया गया।
अगर हम बात करें कि पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी की जो तमाम प्रतिक्रियाएँ आईं वो भले ही सीधे और सरल शब्दों के आवरण में सामने आए हों लेकिन उनके मायने बेहद ही गहन और गंभीर थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत नमो एप के ज़रिये देशभर में करीब 15 हजार स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं कभी नहीं चाहता कि मेरी कोई निजी विरासत हो। इस देश के ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति के घर में विकास का जो दीपक जला है, यही मेरी विरासत है।’ इसके उन्होंने आगे कहा, “सेना को हमने न केवल सशक्त बनाया, बल्कि देश की रक्षा के लिए उन्हें खुली छूट दी, यही मेरी विरासत है।”
इससे पहले 26 फरवरी को दिल्ली मेट्रो का सफर करके इस्कॉन मंदिर पर पहुँच कर उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी और वजनी भगवत गीता का अनावरण किया। 670 पृष्ठों वाली 800 किलोग्राम की भगवत गीता के लोकार्पण के दौरान उन्होंने कहा, “मानवता के दुश्मनों से धरती से बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमेशा हमारे साथ रहती है। यही संदेश हम पूरी प्रमाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं।”
26 फरवरी को ही राजस्थान में रैली के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वीर रस से भरी कविता को शामिल किया और कहा कि सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूँगा, मैं देश नहीं रुकने दूँगा, मैं देश नहीं झुकने दूँगा, मेरा वचन है भारत माँ को, तेरा शीश नहीं झुकने दूँगा, सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूँगा… इन पंक्तियों का सीधा मतलब देश की मान-मर्यादा और गौरव से है। अपने संबोधन में उन्होंने इस बात को भी पूरे जोश के साथ कहा कि देश से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं है, देश की सेवा करने वालों को, देश के निर्माण में लगे हर व्यक्ति को आपका ये प्रधान सेवक नमन करता है।
PM Narendra Modi in Churu, Rajasthan: Today I repeat what I said back in 2014 – Saugandh mujhe is mitti ki main desh nahi mitne doonga, main desh nahi rukne doonga. Main desh nahi jhukne doonga….Mera vachan hai Bharat maa ko, tera sheesh nahi jhukne doonga… pic.twitter.com/lChHOJm94Z
— ANI (@ANI) February 26, 2019
इतने के बाद भी विपक्ष द्वारा बेबुनियादी मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार को बेवजह के मुद्दों पर घेरा जाना कहाँ तक सही जान पड़ता है, यह वो प्रश्न है जिसका जवाब बाहर नहीं बल्कि अपने अंतर्मन में झाँककर खोजने की आवश्यकता है। और इसके लिए एक सार्थक प्रयास कम से कम एक बार तो ज़रूर ही करना चाहिए।