कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 हजार बसें चलाने की अनुमति मिलने के बाद भी प्रियंका गाँधी ने यूपी सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने यूपी के एडिशलन चीफ सेक्रेट्री को लिखे पत्र में ये आरोप मात्र बस की डिटेल्स पूछे जाने पर लगाया है।
NDTV द्वारा शेयर ट्वीट के अनुसार, कॉन्ग्रेस महासचिव ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख करते हुए हैरानी जताई कि जिस समय में हजारों मजदूर सड़कों पर पैदल चल रहे और यूपी के बॉर्डर पर हजारों की भीड़ पंजीकरण केंद्रों पर उमड़ी हुई है। उस समय वे उनसे 1000 बसों को लखनऊ में सुबह 10 बजे हैंडओवर करने की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने लिखा, “1000 बसों को लखनऊ भेजना न सिर्फ़ समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता है और एक घोर गरीब मानसिकता की उपज है। माफ कीजिएगा, मगर आपकी सरकार की यह माँग पूरी तरह से प्रेरित लगती है। ऐसा लगता नहीं है कि आपकी सरकार विपदा के मारे हमारे यूपी के श्रमिक भाई-बहनों की मदद करना चाहती है।”
Congress’ Priyanka Gandhi writes to UP Additional Chief Secretary (Home), says “demand to handover 1,000 buses for migrants, in Lucknow by 10am seems politically motivated.” pic.twitter.com/gBJJvk8WFo
— NDTV (@ndtv) May 19, 2020
अब, हालाँकि, खुद को प्रवासी मजदूरों का हितैषी बताने वाली प्रियंका गाँधी ने ये बातें जिस संदर्भ में लिखीं, उन्होंने इसका उल्लेख भी किया और उसी बीच अवनीश अवस्थी की ओर से लिखे दो पत्र भी सामने आए।
एक में प्रियंका गाँधी अपने पत्र के जरिए ये बताती दिखीं कि यूपी सरकार उनकी बसों को खाली लखनऊ भेजने की शर्त रख रही है।
Can you please find out for me, in this letter, as to where did they ask for sending the buses to Lucknow ? pic.twitter.com/f6hgaKUcIq
— Bhaskar Batheja 🇮🇳 (@bhaskar_batheja) May 19, 2020
वहीं, अवनीश अवस्थी के एक पत्र में बसें हैंडओवर करने की बात कहीं भी सामने नहीं लिखी दिखी। जिसके कारण यूजर्स हैरानी में रह गए कि प्रियंका गाँधी किन संदर्भों में बात कर रही हैं।
Here it is…. pic.twitter.com/l9PohPtFwW
— keshav kumar yadav (@Kumar1Yadav) May 19, 2020
वहीं दूसरे पत्र में उन्होंने समस्त बसों सहित उनका फिटनेस सर्टिफिकेट एवं चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही परिचालक का पूर्व विवरण सुबह 10 बजे तक माँगा है।
अब इसी पत्र के शुरुआती शब्दों को हाईलाइट करके प्रियंका गाँधी के समर्थक उनका सोशल मीडिया पर समर्थन कर रहे हैं और उनके आरोपों के ख़िलाफ़ सवाल पूछने वालों को जवाब दे रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले कल उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रियंका गाँधी के प्रवासी मजदूरों को लिए एक हजार बसें चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गाँधी को पत्र लिखकर बिना किसी देरी के एक हजार बसों और ड्राइवरों का विवरण माँगा था।
इस संबंध में सरकार के अपर मुख्य सचिव ने प्रियंका गाँधी को चिट्ठी लिखते हुए सरकार की सहमति की जानकारी दी थी। पत्र में आगे लिखा गया था कि प्रियंका अविलंब 1000 बसों की सूची और उनके चालक/परिचालक की डिटेल्स को सरकार को उपलब्ध कराएँ, जिससे कि इनका उपयोग प्रवासी मजदूरों के लिए हो सके।
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से कॉन्ग्रेस और प्रियंका गाँधी पर निशाने साधते हुए 4 सवाल किए गए थे। इन सवालों में योगी आदित्यनाथ कार्यालय की ओर से बसों को लेकर सवाल पूछे गए थे और प्रश्न उठाया गया था कि जब उनके पास 1000 बसें उपलब्ध थी, तब आखिर क्यों उन्होंने श्रमिकों को ट्रक में भरकर भेजा।
बता दें कि सरकार की ओर से मंजूरी मिलने से पहले कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने यूपी सरकार पर आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार श्रमिकों की मदद करने और उनके लिए किसी की सहायता लेने के लिए तैयार नहीं है। वह बसों की व्यवस्था करने की उनकी पेशकश को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
मगर, जब कल सरकार ने इस माँग को स्वीकार लिया व बसों का ब्यौरा माँगा, तो उन्होंने लोगों को सरकारी भाषा में उलझा दिया और अपने यूपी सरकार पर लगाए अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए लेटरबाजी करके लोगों का ध्यान भटका दिया।