केरल की मौजूदा सरकार ने अब तक 119 व्यक्तियों पर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक लिखने के लिए केस किया है। यह कोई मनगढंत आँकड़ा नहीं है बल्कि केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने मंगलवार (जून 11, 2019) को राज्य विधानसभा में खुद बताया कि सरकार में आने के बाद से अब तक 119 लोगों पर सोशल मीडिया पर सीएम को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के लिए मामला दर्ज हुआ है।
Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan in state assembly: 119 people have been booked for derogatory posts against the CM on social media, since the government assumed charge. (file pic) pic.twitter.com/CQO3fMEPVC
— ANI (@ANI) June 12, 2019
गौरतलब है कि यहाँ मीडिया के किसी भी धड़े को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में नज़र नहीं आई और न ही कोई हो हल्ला हुआ। सब कुछ ऐसा रहा जैसे कुछ हुआ ही नहीं या ‘हुआ तो हुआ’। क्या मीडिया गिरोह के किसी भी सदस्य ने इस पर आपको बताया कि केरल में आपातकाल आ गया है वहाँ सोशल मीडिया पर कुछ भी सत्ता के खिलाफ लिखने पर केस दर्ज़ हो जा रहा है।
मीडिया का समुदाय विशेष जो बात बे बात पर आपातकाल लाता रहता है वह विशेष धड़े ने इसे चुपचाप गुज़र जाने दिया। बता दें कि अभी हाल के ही दिनों में फेसबुक पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक बकवास वीडियो के आधार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई और पूरा गिरोह उसे मजे लेकर शेयर-कमेंट करता पाया गया और जब इस पर बेहद ख़राब शब्दों के साथ इसे इस तरह पेश करने वाले द वायर से जुड़े पत्रकार प्रशान्त कन्नौजिया की गिरफ़्तारी हुई तो गिरोह के सम्मानित और बदनाम सदस्य तुरंत ही सोशल मीडिया से लेकर ट्विटर पर बवाल काटने लगे और अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट तक मामले को ले गए।
संयोग से एक तरफ जहाँ विजयन अभिव्यक्ति का गला घोटने की जिस समय घोषणा कर रहे थे लगभग उसी समय मंगलवार को ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सोशल मीडिया पर पोस्ट के लिए गिरफ्तारी पर फटकार लगाई है।
यहाँ एक बार फिर से इस पूरे मीडिया गिरोह का दोहरा चेहरा आपके सामने है, जो अपने गालियों और आपत्तिजनक टिप्पणियों पर अभिव्यक्ति के नाम पर पूरी छूट चाहते हैं वहीं ऐसे ही कॉमरेडों के गढ़ केरल में या कोलकाता में जब अभिव्यक्ति का गला घोंटा जाता है तो यह बगले ताकते नज़र आते हैं।