पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिले की पुलिस ने तीन लोगों की कथित हत्या के मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण 24 परगना जिले के मोइपिथ-बैकुंठपुर पंचायत क्षेत्र में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता अश्विनी मन्ना को कथित तौर पर वामपंथी पार्टी सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के समर्थकों ने मार डाला।
इसके कुछ घंटों बाद ही सुधांशु जना नाम का एक SUCI कार्यकर्ता का शव उसके घर में लटका मिला था। SUCI की बंगाल के बाकी हिस्सों में बहुत कम मौजूदगी है, लेकिन यह उस क्षेत्र में प्रभवशाली है जहाँ हिंसा हुई। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि हिंसा के लिए दोनों पक्षों के ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में टीएमसी युवा मोर्चा का नेता पिंटू प्रधान भी है
वहीं जब स्थानीय टीएमसी नेताओं से गिरफ्तारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि पुलिस अपनी ड्यूटी कर रही है।
जयनगर विधानसभा सीट के पूर्व एसयूसीआई विधायक तरुण नस्कर ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता टीएमसी पंचायत नेताओं द्वारा भाई-भतीजावाद का विरोध कर रहे हैं, जो चक्रवात अम्फान से प्रभावित लोगों में राहत और मुआवजे के वितरण में शामिल हैं।
नस्कर ने कहा, “2018 के पंचायत चुनावों में हमने 11 ग्राम पंचायत सीटें जीतीं जबकि टीएमसी ने सात और माकपा ने सात सीटें जीतीं। लेकिन टीएमसी नेताओं ने हमारे उम्मीदवारों को धमकाया और उन्हें पक्ष बदलने के लिए मजबूर किया ताकि वे बोर्ड बना सकें। हम बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे थे। गुरुवार को हमने पंचायत प्रधान के खिलाफ राहत-बचाव संबंधी भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई। इसी के चलते हमला हुआ।”
वहीं बीरभूम जिले में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। खैरासोले पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, “बीरभूम जिले में, टीएमसी कार्यकर्ता शिशिर बाउरी का शव शुक्रवार रात खैरासोल इलाके में पाया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने छह स्थानीय टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।”
इधर टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया कि हत्या के पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ था। भाजपा जिलाध्यक्ष श्यामपदा मोंडल ने आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा, “यह सच है कि इस क्षेत्र के काफी लोगों ने हमें लोकसभा चुनाव में वोट दिया लेकिन हत्या टीएमसी में आंतरिक विवाद का नतीजा है।”
इसके अलावा उत्तर 24 परगना जिले में, बैरकपुर नगरपालिका के एक पार्षद चंपा दास को शनिवार शाम को इशापुर में अपने घर के बाहर पैर में गोली मार दी गई थी। उसने पुलिस को कुछ संदिग्ध अपराधियों के नाम बताए, लेकिन रविवार दोपहर तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी।