बिहार को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कई बड़े ऐलान किए। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से ‘हर गाँव में ऑप्टिकल फाइबर’ योजना, कई पुल और 9 राजमार्गों का शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने संबोधन के दौरान कई अहम बातें भी कही।
PM मोदी ने कहा कि कनेक्टिविटी एक ऐसा विषय है, जिसे टुकड़ों में सोचने की बजाय एक साथ सोचना होगा। टुकड़ों में सोचने की प्रवृत्ति से देश का नुकसान होता है। हमारा देश अपने गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है और इसकी शुरुआत बिहार से हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजनाओं के संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जिन 9 राजमार्ग प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है, उसके ज़रिए 350 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होगा। इस पूरी योजना में लगभग 14258 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और इन रास्तों के निर्माण में बिहार के विकास में तेज़ी आएगी।
इन राजमार्गों के निर्माण से आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। आस-पास के राज्यों (उत्तर प्रदेश और झारखंड) से आवागमन की सुविधा बेहतर हो जाएगी। उनका कहना था कि कुछ साल पहले तक इस बात की कल्पना करना तक मुश्किल था कि गाँवों में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या ज़्यादा हो जाएगी।
Prime Minister Narendra Modi lays the foundation stone of nine highway projects in Bihar, through video conference.
— ANI (@ANI) September 21, 2020
Bihar Chief Minister Nitish Kumar also attends the ceremony. pic.twitter.com/YFf6l6wRGO
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के 45945 गाँवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गाँव के किसान, युवा और महिलाएँ इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि इंटरनेट का उपयोग बढ़ने के साथ यह भी ज़रूरी है कि अच्छी इंटरनेट स्पीड भी मिले।
पीएम मोदी ने बताया कि यह सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि देश की लगभग 1.5 लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर सेवा पहले ही पहुँच चुकी है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले लोग इसके इस्तेमाल पर सवाल उठाते थे लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक़ पिछले 6 साल के दौरान देश भर में लगभग 3 लाख से ज़्यादा कॉमन सर्विस सेंटर भी ऑनलाइन किए गए हैं। Telemedicine के माध्यम से दूर-दराज के गाँवों में मौजूद वंचित वर्ग को भी सस्ता और प्रभावी इलाज उपलब्ध कराना संभव होगा और इससे सबसे ज्यादा लाभ किसानों का होगा।
उन्होंने कहा कि जिस रफ़्तार से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है, वह सराहनीय है। उनके अनुसार, बिहार में कनेक्टिविटी में बाधा का कारण बस एक ही है ‘नदियाँ’। इस कारण को मद्देनज़र रखते हुए राज्य में पुलों के निर्माण पर सबसे ज़्यादा ध्यान दिया गया है।
पीएम पैकेज के तहत गंगा नदी पर 17 पुल बनाए जाएँगे और आगामी 4-5 सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 110 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। इसमें लगभग 19 लाख करोड़ रुपए राजमार्ग प्रोजेक्ट पर खर्च किए जाएँगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि सुधार बिल पर भी अपना नज़रिया रखा। उन्होंने इस बिल का विरोध करने वालों को भरोसा दिलाया कि मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य कभी ख़त्म नहीं किए जाएँगे। यह क़ानून देश के किसानों को नए अधिकार देगा, यह सुधार 21वीं सदी के लिए बहुत ज़रूरी है।
पीएम मोदी ने बताया कि हमारे देश में उपज बिक्री की व्यवस्था किसानों के हित में नहीं थी, उससे जुड़े क़ानून किसानों के अधिकारों को सीमित करते थे। किसानों की मजबूरी का फायदा उठाया जाता था, इसे हर हालात में रोकना ही था।
इस बिल के माध्यम से एक किसान को आज़ादी मिलेगी कि वह अपनी फसल कहीं भी, किसी को भी और अपनी तय शर्तों के आधार पर बेच सकता है। अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बड़े गिरोह और व्यवसायी न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने देश के हर किसान को विश्वास दिलाया कि एमएसपी की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी। ठीक ऐसे ही सीज़न के दौरान सरकार खरीद का अभियान भी पहले की तरह ही चलता रहेगा।