कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। 1984 सिख नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सज्जन कुमार ने स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत मॉंगी थी। जस्टिस एसए बोबडे, एसए नजीर और कृष्ण मुरारी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एम्स से कॉन्ग्रेसी नेता के स्वास्थ्य को उचार सप्ताह में रिपोर्ट मॉंगी है।
सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह ने कोर्ट में सज्जन कुमार के ‘ख़राब स्वास्थ्य’ का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस नेता सज्जन कुमार का वजन 10 किलो कम हो गया है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वजन कम हो जाना कोई बीमारी नहीं है। अब सुप्रीम कोर्ट एम्स से रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में आगे की सुनवाई करेगा। पिछले साल 18 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के 2013 के फैसले काे पलटते हुए सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जब सज्जन कुमार के वकील ने उनके ‘ख़राब स्वास्थ्य’ की बात की तो जस्टिस बोबडे ने पूछा कि आखिर उन्हें बीमारी कौन सी है? इसके जवाब में वकील विकास सिंह ने बताया कि सज्जन कुमार का वजन 10 किलो कम हो गया है। इसके बाद जस्टिस बोबडे ने कहा कि अगर सज्जन कुमार चाहते हैं कि उनका मेडिकल एग्जामिनेशन हो तो कोर्ट उसके लिए आदेश दे देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सज्जन कुमार के स्वास्थ्य का ध्यान रख रहा है। जस्टिस बोबडे ने कहा- ‘आप जहाँ भी रहें, स्वस्थ रहने चाहिए।‘
A bench headed by Chief Justice-designate #SABobde, while hearing a bail plea of former #Congress MP #SajjanKumar convicted in the 1984 anti-Sikh riots case, said “losing weight does not mean illness..what is more important is that you should be healthy”.
— IANS Tweets (@ians_india) November 6, 2019
Photo: IANS pic.twitter.com/WzwEYN6ep7
1984 में हुए सिख नरसंहार मामले में जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सहित कई नेता अदालत की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं। गाँधी परिवार के वफादार रहे सज्जन कुमार 2004 में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह को हरा कर तीसरी बार सांसद बने थे।