मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार आने के बाद से ही बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ते ही जा रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ताज़ा आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। इस महीने अपना 1 साल पूरा कर रही कमलनाथ सरकार कर्जमाफी से लेकर आतंरिक कलह तक, कई मुद्दों पर पहले से ही विवादों में है। अब पता चला है कि राज्य में सिर्फ़ पिछले 1 साल में बेरोजगारों की संख्या 7 लाख बढ़ गई है। ये आँकड़े रजिस्टर्ड बेरोजगारों के हैं। इसके साथ ही राज्य में बेरोजगार युवकों की संख्या 28 लाख तक पहुँच गई है, जो स्थिति की भयावहता की ओर इशारा करती है।
कमलनाथ सरकार के शासनकाल में बेरोजगारी की समस्या का बढ़ना कॉन्ग्रेस के लिए इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि पार्टी इसी मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को लगातार घेरती आई है। पिछले 1 साल में मात्र 34,000 लोगों को ही रोजगार मिल सका है। अगर अनुपात देखें तो प्रत्येक 20 नए बेरोजगारों पर मात्र 1 व्यक्ति को रोजगार प्राप्त हुआ। एक वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता ने ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ को बताया कि मौजूदा सरकार से रोजगार की आस में नए लोग बेरोजगार के रूप में रजिस्टर करवा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान कॉन्ग्रेस ने बेरोजगार युवकों को 4000 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था।
कई राजनीतिक विश्लेषकों ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते की उम्मीद में नए लोग अपना नाम रजिस्टर करा रहे हैं और इसी कारण बेरोजगारों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस अपने वादे से मुकर गई और विधानसभा सत्र में कहा कि अभी ऐसी कोई योजना तैयार ही नहीं की गई है। इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिक जानकारी देते हुए बताया:
“अक्टूबर 2018 में मध्य प्रदेश में रजिस्टर्ड शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 थी, जो एक साल बाद अक्टूबर 2019 में 27,79,725 हो गई है। पिछले एक वर्षों में कई रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है। इनमें 17,506 युवकों को रोजगार दिया गया। इसी अवधि में 2520 ऐसे युवक भी हैं, जिन्हें प्लेसमेन्ट के माध्यम से रोजगार मिला। मध्य प्रदेश में 25 नई इंडस्ट्रीज की स्थापना की गई है और साथ ही 13,740 लोगों को रोजगार मिला है।”
28 lakh unemployed youth in Madhya Pradesh, a sharp increase of 7 lakh in just one year of Congress rule.
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 19, 2019
Now Congress should pay them the unemployment dole they had promised during election…https://t.co/u3esDP4v2q
कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने बेरोजगारी बढ़ने की बातों को नकारते हुए पूर्ववर्ती शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान पिछले 15 सालों में मध्य प्रदेश बेरोजगारी के मामले में टॉप पर था। उन्होंने दावा किया कि सीएम कमलनाथ की सबसे बड़ी प्राथमिकता जॉब क्रिएशन ही है। वहीं भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया कि राज्य में विभिन्न सरकारी पदों में 3 लाख रिक्तियाँ हैं, जिनके लिए बहाली की ही नहीं जा रही है। भाजपा आईटी से के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कॉन्ग्रेस को बेरोजगारी भत्ते वाला चुनावी वादा याद दिलाया।
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