बिहार विधानसभा चुनाव की अंतिम तस्वीर साफ हो गई है। कल सुबह तक रुझान देख कर जिस एनडीए को लोगों ने हारा हुआ मान लिया था, उसी एनडीए ने शाम को बाजी मार कर सबको हैरान कर दिया। वहीं महागठबंधन ने कुछ सीटों से पीछे रह कर कइयों की उम्मीद पर पानी भी फेरा।
केवल पार्टी के लिहाज से देखें तो राजद और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। जेडीयू का प्रदर्शन भी औसत था। मगर कॉन्ग्रेस इन चुनावों में भी अपने खराब प्रदर्शन के कारण पिछड़ी रही।
भारतीय चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनावों पर राजद को 75 सीटें मिली हैं तो वहीं भाजपा के खाते में 74 सीटें आई हैं। 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर जेडीयू है। कॉन्ग्रेस को इन चुनावों में केवल 19 सीट हाथ लगी है।
वोट प्रतिशत की बात करें तो सबसे ज्यादा वोट शेयर 23.1 प्रतिशत आरजेडी के खाते में गया है। वहीं कॉन्ग्रेस के हिस्से 9.48% और लेफ्ट के हिस्से 1.48% वोट गया है। एनडीए की बात करें तो बीजेपी ने 19.46%, जेडीयू ने 15.38% वोट पर अपना कब्जा जमाया है।
#BiharElections: Results of all 243 assembly constituencies declared.
— ANI (@ANI) November 10, 2020
NDA wins 125 seats (BJP 74, JDU 43, VIP 4, HAM 4)
Mahagathbandhan wins 110 seats (RJD 75, Congress 19, Left 16)
AIMIM wins 5, BSP wins 1, LJP wins 1 & Independent wins 1 pic.twitter.com/hzIJ1SUmbu
उक्त आँकड़े देख कर यह साफ है कि 125 सीटों के साथ राज्य में एनडीए की सरकार एक बार फिर बनने जा रही है। महागठबंधन को कुल 110 सीटें मिली हैं, जिसमें से सीपीआईएलएल ने 19 सीटों में से 12 पर अपना कब्जा जमाया।
चुनाव आयोग ने इस दौरान बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बड़ा खुलासा भी किया। आयोग ने बताया कि 4 सीटों पर जीत-हार का अंतर महज 200 वोट हैं जबकि 24 सीटों पर जीत-हार का अंतर 1000 वोट हैं। 32 सीट पर 2000 वोटों का अंतर है। 48 सीटों पर जीत-हार का फासला सिर्फ 3000 वाेट है।
चुनावों में देर रात पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भाजपा के दिग्गज नेताओं ने इस जीत पर अपनी खुशी जाहिर की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार चुनाव परिणाम पर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट में लिखा “बिहार में विकास, प्रगति और सुशासन को पुनः चुनने के लिए प्रदेश के सभी भाइयों-बहनों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूँ मैं विशेषकर बिहार के युवाओं और महिलाओं को साधुवाद देता हूँ, जिन्होंने बिहार में सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य को चुनकर NDA की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।”
पीएम मोदी ने भी बिहार के गाँव-गरीब, किसान-श्रमिक, व्यापारी-दुकानदार, हर वर्ग को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “बिहार के गाँव-गरीब, किसान-श्रमिक, व्यापारी-दुकानदार, हर वर्ग ने NDA के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर भरोसा जताया है। मैं बिहार के हर नागरिक को फिर आश्वस्त करता हूँ कि हर व्यक्ति, हर क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए हम पूरे समर्पण से निरंतर काम करते रहेंगे।”
बिहार के गांव-गरीब, किसान-श्रमिक, व्यापारी-दुकानदार, हर वर्ग ने NDA के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर भरोसा जताया है। मैं बिहार के हर नागरिक को फिर आश्वस्त करता हूं कि हर व्यक्ति, हर क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए हम पूरे समर्पण से निरंतर काम करते रहेंगे।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 10, 2020
वहीं विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राजद का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के दफ्तर पहुँचा। राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि राजद के कई प्रत्याशियों को जीत के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। ऐसे में किसी गड़बड़ी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। मनोज झा ने वोट गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें आयोग ने शिकायतों की जाँच का भरोसा दिया है।
ऐसे ही कॉन्ग्रेस ने अपनी हार का विश्लेषण करने की जगह सारा ठीकरा राजद पर फोड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार कॉन्ग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि 70 सीटें भले मिलीं, लेकिन जो सीटें मिलनी चाहिए थीं, वो पार्टी ले नहीं पाई। उनका कहना है कि आरजेडी ने वही सीट दीं, जहाँ उसके लिए जीत हासिल करना मुमकिन नहीं था। कॉन्ग्रेस का कहना है कि उसे वही सीट मिली, जहाँ एनडीए बहुत मज़बूत था।
बता दें कि राजद और कॉन्ग्रेस में तालमेल की गड़बड़ी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनावी प्रचार के दौरान तेजस्वी और राहुल के बीच एक भी रैली नहीं हुई। प्रियंका गाँधी तक ने एक बार भी बिहार आना उचित नहीं समझा और बिना विश्लेषण के राजद, लेफ्ट और कॉन्ग्रेस की सीटों का बँटवारा कर दिया गया।