गौ संरक्षण और संवर्धन को लेकर बेहद संवेदनशील उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महराजगंज जिले में गौ संरक्षण में अनियमितता पाए जाने पर बड़ी कार्रवाई की है। मामले की जाँच के बाद योगी सरकार ने महराजगंज के डीएम और दो एसडीएम समेत 5 बड़े अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। गोवंश को लेकर होने वाले खर्चों का सही जवाब न दे पाने पर यह कार्रवाई की गई है। पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव आर के तिवारी ने इसकी जानकारी दी है।
UP Chief Secretary:DM AN Upadhyay&4 officials have been suspended after a committe found them guilty of irregularities in maintenance of cow shelters in Maharajganj. There were supposed to be 2,500 cattles but only 954 cattles were found. It appears to be a case of financial scam https://t.co/so0VrAmtJV pic.twitter.com/vDADOhP6cj
— ANI UP (@ANINewsUP) 14 October 2019
मुख्य सचिव आर के तिवारी ने बताया कि गौशाला प्रकरण की जाँच में पता चला कि गौशाला के अंदर ढाई हजार गोवंश होना चाहिए था, जबकि केवल 954 गोवंश वहाँ पाए गए। ये एक गंभीर अनियमितता है। उन्होंने बताया कि जाँच में ज़िला स्तरीय अधिकारियों की अनियमितता पाई गई है। गोवंश की संख्या को लेकर ज़िले के अधिकारी सही जवाब नहीं दे सके। गोवंश को लेकर होने वाले ख़र्चों का सही जवाब अधिकारी नहीं दे पाए, ये एक बड़ी वित्तीय अनियमितता है। इससे यह लगता है कि संख्या जानबूझकर अधिक बताई गई। संख्या कम होने के बावजूद यहाँ पर चारा या अन्य व्यय में कोई कमी नहीं थी।
ख़बर के अनुसार, यहाँ पर अभिलेख भी सही नहीं पाया गया। पशुपालन विभाग का यहाँ 500 एकड़ ज़मीन पर कब्जा था जबकि समिति ने ग़ैर क़ानूनी ढंग से 380 एकड़ ज़मीन निजी व्यक्ति को लीज़ पर दे दी। इसकी ना किसी से अनुमति ली गई ना ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
मुख्य सचिव ने बताया कि इस मामले में ज़िलाधिकारी महराजगंज अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन एसडीएम देवेंद्र कुमार, वर्तमान एसडीएम सत्यम मिश्र के अलावा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजीव उपाध्याय और पशु चिकित्सा अधिकारी वीके मौर्य तल्काल निलंबित किया गया है। गोवंश मामले में कार्रवाई के बाद महराजगंज जिले में नई तैनाती की गई है। उज्जवल कुमार को महराजगंज का ज़िलाधिकारी बनाया गया है।