गुलाम नबी आजाद के कॉन्ग्रेस छोड़ते ही यह कहा जा रहा था कि जम्मू कश्मीर में पार्टी का कमजोर होना तय है। गुलाम नबी आजाद को पार्टी छोड़े अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है। लेकिन, जिस तरह से एक के बाद एक कई कार्यकर्ता कॉन्ग्रेस छोड़कर उनके समर्थन में आ रहे हैं, इससे उनका सियासी दबदबा सामने आ रहा है।
हालाँकि, कॉन्ग्रेस से ‘आजाद’ हुए गुलाम नबी पार्टी को एक और झटका देने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार (1 सितंबर, 2022) को कॉन्ग्रेस के 5000 कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर गुलाम नबी आजाद को समर्थन देंगे। यही नहीं, आम आदमी पार्टी के 50 से अधिक नेताओं ने भी इस्तीफा देते हुए आजाद को समर्थन देने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार (26 अगस्त, 2022) को कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा था, “मैं भारी मन से यह कदम उठा रहा हूँ। पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी।” आजाद ने कहा था “कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है।”
हालाँकि, गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने अपने बयानों से यह साबित करने की कोशिश की थी कि उनके इस्तीफे से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन, जिस तरह से आज जम्मू कश्मीर में पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता उनके समर्थन में आ चुके हैं, उससे उनकी ताकत का पता चल रहा है। साथ ही, गुरुवार को 5000 कार्यकर्ताओं का कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देना कॉन्ग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस के ये सभी 5000 कार्यकर्ता उरी में होने वाले एक कार्यक्रम में सामूहिक रूप से इस्तीफा देते हुए गुलाम नबी का समर्थन करेंगे। इससे पहले बुधवार (31 अगस्त) को 42 और मंगलवार (30 अगस्त) को पूर्व उप-मुख्यमंत्री ताराचंद समेत 64 लोगों ने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। कुल मिलाकर अब तक कॉन्ग्रेस से 100 कार्यकर्ता इस्तीफा देकर गुलाम नबी आजाद का समर्थन कर चुके हैं।
बता दें, गुलाम नबी आजाद ने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देकर नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन, वह पार्टी का गठन कब करेंगे और उनकी पार्टी का नाम क्या होगा, इस बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।