संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेगासस (Pegasus) फोन हैकिंग रिपोर्ट के सामने आने पर संदेह जताया है। शाह ने कहा कि इसके लीक होने के पीछे किसी बड़ी साजिश का इशारा है। अमित शाह ने कहा, “कुछ लोग देश के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं। उनका मकसद भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना है। लेकिन, इन ताकतों के मंसूबों को सरकार सफल नहीं होने देगी। मानसून सत्र देश में विकास के नए पैमाने स्थापित करेगा।”
उन्होंने कहा, “इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूँ- इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान… आप क्रोनोलॉजी समझिए!”
शाह ने कहा कि यह भारत के विकास में विघ्न डालने वालों की भारत के विकास के अवरोधकों के लिए एक रिपोर्ट है। कुछ विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं। ये अवरोधक भारत के वो राजनीतिक षड्यंत्रकारी हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति कर आत्मनिर्भर बने। भारत की जनता इस क्रोनोलोजी और रिश्ते को बहुत अच्छे से समझती है।
अपने बयान में अमित शाह ने कहा कि आज संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ और आज के घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा। देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मानसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, किया जाए।
शाह ने कहा कि कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो मोदी जी द्वारा महिलाओं और समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं। ये वही लोग हैं जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग किसके इशारे पर भारत की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं? उन्हें बार-बार भारत को नीचा दिखाने में क्या खुशी मिलती है?
कॉन्ग्रेस खो चुकी है राजनीतिक महत्व
उन्होंने कहा कि अपना जनाधार व राजनीतिक महत्व खो चुकी कॉन्ग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और ना ही आश्चर्यजनक। कॉन्ग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है। लोकतंत्र एवं विकास की अवरोधक कॉन्ग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है इसलिए वो संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हर सम्भव कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘मैं देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मोदी सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट हैः ‘राष्ट्रीय कल्याण’ और हम इसकी सिद्धि के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे चाहे कितनी भी बाधाएँ आए।’