Monday, November 18, 2024
HomeराजनीतिAAP नेता संजय सिंह को SC से नहीं मिली अग्रिम जमानत, यूपी पुलिस की...

AAP नेता संजय सिंह को SC से नहीं मिली अग्रिम जमानत, यूपी पुलिस की गिरफ़्तारी का सता रहा डर!

आप नेता ने संवाददाता सम्मेलन के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को रद्द किए जाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये प्राथमिकियाँ 'दुर्भावनापूर्ण तरीके से राजनीतिक बदले की भावना के तहत दर्ज' की गई थीं।

सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट से सांसद को सुरक्षा देने से मंगलवार (फरवरी 02, 2021) को इनकार कर दिया। सिंह ने पिछले साल 12 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार समाज के एक विशेष वर्ग का समर्थन कर रही है, जिसके बाद लखनऊ में यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 

आप नेता ने संवाददाता सम्मेलन के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को रद्द किए जाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये प्राथमिकियाँ ‘दुर्भावनापूर्ण तरीके से राजनीतिक बदले की भावना के तहत दर्ज’ की गई थीं।

सिंह ने एक अन्य याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 21 जनवरी के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने 12 अगस्त, 2020 के संवाददाता सम्मेलन के बाद लखनऊ में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन किए बिना कोई आदेश पारित नहीं करेगी।

न्यायालय ने सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और वकील समीर सोढी से कहा कि वे उच्च न्यायालय के फैसले की प्रति उसे मुहैया कराएँ। जब तन्खा ने शीर्ष अदालत से अपील की कि सिंह को लखनऊ में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट के से सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए, तो पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के समक्ष पेशी से छूट का अनुरोध कर सकते हैं

पीठ ने सिंह की याचिका पर फिलहाल कोई भी नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया और मामले की आगे की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए टाल दी। सिंह ने याचिका में कहा है, “संबंधित संवाददाता सम्मेलन में याचिकाकर्ता ने केवल निश्चित सामाजिक मुद्दे और बिना नाम लिए सरकार द्वारा समाज के एक विशेष वर्ग के प्रति सहानुभूति रखने जैसे सवाल उठाए थे।” आप नेता ने कहा है कि संवाददाता सम्मेलन के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानों में भाजपा के सदस्यों के इशारे पर उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -