अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने आखिरकार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से मौतों को स्वीकार कर लिया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार (21 जुलाई 2021) को केंद्र सरकार को घेरने के फेर में पूर्व में अपनी ही सरकार के बोले एक झूठ पर से पर्दा उठा दिया। जैन ने कहा कि दिल्ली और देश के अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं। दिलचस्प यह है कि आप सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि ऑक्सीजन से कोई मौत नहीं हुई है।
जैन ने कहा, ”ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आँकड़ा सामने न आए इसलिए केंद्र सरकार ने LG (उपराज्यपाल) द्वारा दिल्ली सरकार की बनाई समिति भंग करवाई, जिसका काम ही यही था ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आँकड़ा जमा करना और मुआवजा दिलाना।” उन्होंने कहा कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक ना छिड़के जिनके घर ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है। साथ ही कहा, “दिल्ली और देश के अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कई मौतें हुई हैं। यह कहना पूरी तरह से गलत है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई।”
ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आंकड़ा सामने न आए इसलिए केंद्र सरकार ने एलजी द्वारा दिल्ली सरकार की बनाई समिति भंग करवाई,जिसका काम ही यही था ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आंकड़ा जमा करना और मुआवज़ा दिलाना,सरकार उन लोगों के जले पर नमक ना छिड़के जिनके घर ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है pic.twitter.com/GNCBr6kxdB
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) July 21, 2021
जैन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एबीपी न्यूज के पत्रकार विकास भदौरिया ने ट्ववीट किया, ”झूठ पकड़ा गया। केजरीवाल सरकार खुद हाईकोर्ट को लिखित में दे चुकी है कि उसके यहाँ ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। मई 2021 में हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में दिल्ली सरकार ने अपनी चार सदस्यीय कमिटी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी और बताया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत से नहीं हुई है।”
झूठ पकड़ा गया- केजरीवाल सरकार खुद हाई कोर्ट को लिखित में दे चुकी है कि उसके यहां ऑक्सिजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई, मई में हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में दिल्ली सरकार ने अपनी चार सदस्यीय कमिटी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी और बताया था कि कोई मौत #OxygenShortage से नहीं हुई. pic.twitter.com/gcEsUAf2qi
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) July 21, 2021
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 28 अप्रैल को चार सदस्यीय समिति बनाई थी जिसका काम अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के बारे में पता लगाना था। समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी से मौतों को खारिज करते हुए कहा था कि मरने वाले पहले से ही गंभीर स्थिति में थे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई ऑडिट टीम की रिपोर्ट से यह बात भी सामने आ चुकी है कि केजरीवाल सरकार ने ऑक्सीजन की डिमांड को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया था।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की तरह ही महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने भी इस मामले पर राजनीति के लिए कुछ और ही राग अलापा, लेकिन आँकड़े कुछ और दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने छत्तीसगढ़ को ‘ऑक्सीजन सरप्लस राज्य’ करार देते हुए कहा कि कोविड-19 आपदा की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत ही नहीं हुई। हालाँकि, अपनी बात को पुख्ता करने के लिए उन्होंने आँकड़े पेश करना भी उचित नहीं समझा, बस ऐलान कर दिया कि मौतें हुई ही नहीं हैं। देव ने आगे कहा कि उन्होंने दिल्ली जैसे प्रदेशों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बारे में सुना, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं था।
वहीं, बात करें महाराष्ट्र की तो इसकी कहानी भी जुदा नहीं है। मई 2021 में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ को स्पष्ट रूप से कहा कि ऑक्सीजन की कमी से राज्य में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।